पाक्षिक!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाक्षिक:Fortnightly a type of Jaina householder (shavak).माह के पंद्रह दिवसीय पक्ष, श्रावक के 3 भेदो मे एक भेद, जो व्रती तो नही है लेकिन धर्म का पक्ष लेता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाक्षिक:Fortnightly a type of Jaina householder (shavak).माह के पंद्रह दिवसीय पक्ष, श्रावक के 3 भेदो मे एक भेद, जो व्रती तो नही है लेकिन धर्म का पक्ष लेता है।
फलदान State of Karma causing fruition. अपने फल के उत्पन्न करने में समर्थ कर्म अवस्था । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
फालि Accumulated matters in some particular time. एक समय में उठाये गये समस्त द्रव्य को एक फालि कहते हैं [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राध – परद्रव्य के परिहार से षुद्ध आत्मा की सिद्धि अथवा साधन राध कहलाता है।आराधना प्रसन्नता पूर्णता सिद्धि साधित आराधिन सेसिद्धि आदि राध के ही पर्यावाची नाम है। Radha-Pertaining to attainment of spiritual power
दिग्पाल A type of guardian deities. दिक्कुमार जाति के देव लोकपाल इन्हीं देवों में से होते है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीरसागर (आचार्य) –Virasagara (Acarya) Name of the first disciple of CharitraChakravartiAcharyaShriShantisagarjiMaharaj in his Acharya tradition. चरित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शान्तिसागर महाराज के प्रथम शिष्य एवं उनकी परम्परा में पटाटाघीश आचार्य ” जन्म – सन १८७६ में आषाढ शुक्ला १५ (गुरु पूर्णिमा ) एवं समाधि – संन १९५७ आश्विन कृ. अमावस ” सन…
त्रिलोकतीज व्रत A type of fasting. तीन वर्ष तक प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल तीज का उपवार करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
एकांतानुवृद्धि Complete development of body. नवीन शरीर धारण के दूसरे समय से लेकर एक समय कम शरीर पर्याप्ति के अन्तर्मुहूर्त समय तक जो योगस्थान हो वे एकांतानुवृद्धि हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रामसेन – कई आचार्य का नाम माथर सध के प्रवर्तक वीरसेन आचार्य के षिश्य सेन संधी गुरू नागसेन के षिश्य तथा तत्वानंुषासन के कत्र्ता, काश्ठसंध के क्षेमकीर्ति के षिश्य। Ramasena-name of many jaina Acharyas or saints