बलदेव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलदेव- बलभद्र; नारायण के बड़े भई, ये संख्या में 9 होते हैं एवं स्वर्ग या मोक्ष जाते है। Baladeva- A type of great personages
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलदेव- बलभद्र; नारायण के बड़े भई, ये संख्या में 9 होते हैं एवं स्वर्ग या मोक्ष जाते है। Baladeva- A type of great personages
उपशमसम्यग्दृष्टि One who acquires right faith due to upasham. उपशम सम्यक्त्व को प्राप्त करने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बन्ध (पुण्य-पाप)- पुण्य एवं पाप कर्मो का बंध होना। Bandha (punya- papa)- Binding of karmas- meritorious & demeritorious
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लव – किचित, सात स्तोक प्रमाण काल परित्यक्त सीता के गर्भ से पुण्डरिक के राजा वज्रसंघ के घर उत्पन्न रामचन्द्र के जुडवां पुत्रों लवणांकुष व ननदांकुष में से एक । सामान्यत लवणाकुष को लव और ननदांकुष को कुष के नाम से जाना जाता है। Lava-A unit of time, The son of Lord Ram &…
भद्रबाह- ये पाँचवे श्रुतकेवली थे। 12 वर्ष के दुर्भिक्ष के कारण इनको उज्जैनी छोड़कर दक्षिण की ओर प्रस्थान करना पड़ा था। सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य भी उस समय उनसे दीक्षा लेकर साथ ही दक्षिण देश को चले गये थे। श्रवण बेलगोल में चन्द्रगिरी पर्वत पर दोनों की समाधि हुयी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रक्तशिला – सुमेंरू पर्वत के पाण्डुक वन में स्थित एक षिला, इस पर पूर्व विदेह क्षेत्र के तीर्थकरो का जन्माभिशेक किया जाता है। Raktasila-name of an auspicious large stone (related to the birth anointment ‘Janmabhishek of jaina lords of Videh Kshetra-a region
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बध्यमान कर्म- मिथ्यात्वादि प्रत्ययों द्वारा कर्म रुप प्राप्त होने वाला कार्मण स्कंध बध्यमायन कहलाता है। Badhyamana Karma- A karmic aggregate bound with delusions
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यकिपुत्र – Satyakiputra. Name of the 11th Rudra. वर्तमान कालीन 11वां रूद्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर कायिक जीव- एकेन्द्रिय जीवों का एक भेद; जो स्वयं दूसरों से रुकता है तभा दूसरों को रोकता है। Badara Kayika Jiva- Gross-bodied beaings
उदीरणा Premature fruition of Karmas. स्थिति बिना पूरी किये ही कर्मों का फल देना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]