भावलिंग (वेद)!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावलिंग (वेद) – Bhavalinga (Veda). Thoughts due to partial passion. जिसकी स्तिति नोकषाय के उदय से प्राप्त होती है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावलिंग (वेद) – Bhavalinga (Veda). Thoughts due to partial passion. जिसकी स्तिति नोकषाय के उदय से प्राप्त होती है “
गुणश्रेणी निक्षेपण multiple progression injection. द्वितीयादि समयों में असंख्यात गुना द्रव्य अपकर्षण कर उदयावाली एवं गुण श्रेणी आयाम में निक्षेपण करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आनपान Breathing air, Respiration. श्वास में नीचे ऊपर वायु का आना जाना या श्वासोच्छ्वास।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र पाहुड–Mishra Paahud. Gift with animate and inanimate object. प्राभृत; स्वर्ण के साथ हाथी और घोड़े का उपहार रूप से भेजना”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र मोहनीय–Mishra Mohneeya. See – Mishra Prakrati. देखे– मिश्र प्रकृति”
खुर Hoof, A scented matter. घोड़े के पद चिन्ह,एक प्रकार का सुगन्धित द्रव्य । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मशिरस् – Brahmasiras. Name of a weapon which can make ineffective the another weapon which named as Ashvagriv. अश्वग्रीव नामक शास्त्र को रोकने में समर्थ शस्त्र “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्याधर – Vidyadhara. Human beings who reside on vijayardh mou-tain and keep themselves busy in all auspicious activities. विजयार्ध पर्वत पर निवास करने वाले मनुष्य ” ये जाती, कुल और तप इन तीन प्रकार की विद्याओं एवं देवपूजा आदि षट् आवश्यक कर्मों में रत रहते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृक्षमूलावास –Vrksamulavasa. A type of austerity, staying in the root – hollow of trees. कायक्लेश तप का एक भेद, वृक्षमूल में निवास करना “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मैत्रीभाव–Maitribhav. Friendly or amicable nature. मैत्री, प्रमोद, कारुण्य, मध्यस्थ इन 4 भावनाओ में प्रथम भावना, प्राणीमात्र के प्रति मैत्रीभाव रखना”