प्रमाण (द्रव्य, क्षेत्र, काल)!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण (द्रव्य, क्षेत्र, काल)- द्रव्य क्षेत्र काल की मर्यादा। Pramana (Dravya, Ksetra, kala)- Measure related to matter, region & time
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण (द्रव्य, क्षेत्र, काल)- द्रव्य क्षेत्र काल की मर्यादा। Pramana (Dravya, Ksetra, kala)- Measure related to matter, region & time
उदीरक Who is involved in fruitional operations of Karmas. उदीरणा करने वाला ज्ञानावरणीय दर्शनावरणीय और अंतराय इन तीन कर्मोंकी उदीरणा करने वाले (मिथ्यादृष्टि से लेकर क्षीण कषाय पर्यंत) जीव उदीरक कहलाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभु- धाति कर्मो के क्षय से जिसने केवज्ञान के द्वारा परमार्थ को जान लिया है, सकल तŸवों का जिसने उपदेष दिया है वह प्रभ्ज्ञु होता है अर्थात अरिहंत भगवान। Prabhu- Almighty God
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभ- सौधर्म स्वर्ग का 21 वाँ पटल व इन्द्रक का नाम। Prabha- Name of the 21stpatal (layer) &Indrak of Saudharma heaven
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लंगल – सनत्कुमार स्वर्ग का 5 वां पटल या इन्द्रक, बलभद्र राम का एक हल रत्न। Lamgala-The 5th patal (Layer) of Sanat Kumar heaven, Name of a plough-a jewel of Lord Ram
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकल परमात्मा – Sakala Parmaatmaa. The supreme soul with body (devoid of all Karmas). घातिया कर्मों से रहित परमौदारिक शरीर में स्थित अर्हन्त परमात्मा
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रायश्चित विधान- आचार्य इन्द्रनंदि कृत ग्रंथ। PrayascittaVidhan- Name a book written by acharyaIndranandi
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्पात्र – Satpaatra. Reverential persons (perfect to get donation). जिनको दान दिया जाता है, ऐसे सत्पात्र, कुपात्र, अपात्र रूप तीन पात्रों में से एक ” सत्पात्र के तीन भेद हैं- 1. उत्तम सत्पात्र- नग्न दिगम्बर साधु, 2. मध्यम सत्पात्र- आर्यिका, क्षुल्लक, ऐलक तथा प्रतिमाधारी श्रावक, 3. जघन्य सत्पात्र- व्रत रहित सम्यग्दृष्टि श्रावक “
ऊर्ध्वगौरव धर्म Particular nature of salvated souls. मुक्त जीव का धर्म वे ऊपर ही जाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]