पृथु!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथु – Prthu. The 15th son of Krishna’ brother (Baldev), Name of kings of Kura & Yadu dynasties, Broad, spa- cious. क्रष्ण के भाई बलदेव का १५ वाँ पुत्र ” कुरुवंशी एवं यदु (यादव) वंशी राजाओं का नाम, चौडा, विस्तृत “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथु – Prthu. The 15th son of Krishna’ brother (Baldev), Name of kings of Kura & Yadu dynasties, Broad, spa- cious. क्रष्ण के भाई बलदेव का १५ वाँ पुत्र ” कुरुवंशी एवं यदु (यादव) वंशी राजाओं का नाम, चौडा, विस्तृत “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन (अनालोच्य) – Vachan (Anaalochya). False interpretation of something. असत्य वचन के 4 भेदों में एक भेद ; विपरीत सत् पदार्थ का प्रतिपादन करना ” जैसे – बैल है उसका विचार न कर यहाँ घोडा है ऐसा कहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्क्रियत्व शक्ति – Nishkriyatva shakti. Supreme power of inactivity (of Siddhas). समस्त कर्मों के अभाव से प्रवृत्त आत्मप्रदेशों की निस्पन्द्ता स्वरूप निष्क्रियत्व शक्ति है, जो कि सिद्ध अवस्था में प्रगट होती है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाद्रवन – सिंह – निष्क्रीडित वृत – Bhadravana-Niskridita Vrata. A vow (fasting) to be performed with particular procedure. एक विशेष विधि एंव क्रम से किया जाने वाला व्रत ” व्रतविधान संग्रह से इसकी विधि देखें “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वन्द्य –Vandya.: Praiseworthy , Worthy of honour , Adorable . पूज्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्कम्पता – Nishkampataa. Steadiness in faith and austerity including self discipline and self control. स्थिर, चंचलता से रहित, दृढ़ बने रहना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मोत्तर:A Deggajendra mountain situated in Bhadrashal forest, A ruler’Nagendradev; of Rajatprabh Summit of Kundal mountain, A deity resident of Nandyavart summit of Ruckak mountain. भद्रशाल वन में स्थित एक दिग्गजेन्द्र पर्वत, कुण्डल पर्वत स्थित रजतप्रभ कूट का स्वामी नागेन्द्रदेव, रूचक पर्वत के नन्द्यावर्त कूट पर रहने वाला देव ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भगीरथ – Bhagiratha. The son of the king Sagar , a chakravarti (em-peror). सगर चक्रवर्ती का पुत्र जिसने अपना पूर्वभव सुनकर दीक्षा ली एंव मोक्ष प्राप्त किया “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिथिल श्रद्धानी – Shithila Shraddhaanee. Inert one in pursuance of reverential right faith. वेदक या क्षयोपशम सम्यग्दृष्टि; चल, मलिन और आगाढ़ दोष के कारण तत्वार्थ श्रद्धानमरण जो शिथिलग्राहीहोता है (वृद्ध की लाठी की तरह) “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भय – Bhaya. Fear, terror. भीती, डर – यह ७ प्रकार का होता है इहलोक, परलोक, अरक्षा, अगुप्ति, मरण, वेदना, आकसिम्क “