तद्भाव!
तद्भाव Intrinsic nature. गुण का गुण में अथवा पर्याय में सद्भाव या तद्रूपता ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तद्भाव Intrinsic nature. गुण का गुण में अथवा पर्याय में सद्भाव या तद्रूपता ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हनुमान – Hanumaana. Name of the 18th kamdev, the son of Pavananjaya & Arjana, name of residential deity of Vajrakut (summit) of Manushottar mountain. 18 वे कामदेव। पवनंजय एवं अंजना के पुत्र। विमान मे से पर्वत की षिला पर गिरने पर षिला चूर-चूर हो गई इसलिये उनका नाम श्रीश्षैल भी था। उल्कापात देख विरक्त…
दर्शन पाहुड A book written by Acharya Kund-Kund. आचार्य कुंदकुंद (ई.127-179) कृत सम्यग्दर्शन के साथ अष्टमूलगुण का पालन करना और सप्त व्यसन का त्याग करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तदुभयाधिकरण A type of substratum (underlying basis). अधिकरण का एक भेद जो विष, लवण, क्षार, टिुक, अग्नि आदि दस प्रकार का होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वोपकार – Svopakaara. Benevolence for self. उपकार के दो भेदो मे एक भेद। अध्यात्म मार्ग मे स्वोपकार अर्थात् अपनी आत्मा का उपकार ही इष्टा है परोपकार नही।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परत्वापरत्व:Relativity of time placed with different matters.छोटे-बडे के व्यवहार को परत्वापरत्व कहते है। ये काल द्रव्य का उपकार माना गया है। जैसे-25 वर्ष के मनुष्यको बडा एवं उसकी अपेक्षा 20 वर्ष के मनुष्य को छोटा कहते है।
तत्वप्रकाशिका A book written by Acharya Yogendudeva. आय योगन्दुदेव (ईत्रशत्र 6) द्वारा रचित तत्वार्थ सूत्र की प्राकृत भाषाबद्ध एक टीका। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाभाविक स्वभाव – Svaabhaavika Svabhaava. Natural nature instinct (of Siddhas). उपचरित स्वभाव का एक भेद। सिद्वों का पर को देखना व जानना स्वाभाविक स्वभाव है।
तत्वार्थरत्नप्रभाकर A book written by Acharya Prabhachandra. आचार्य प्रभाचन्द्र 8 (ई.सन् 1432) द्वारा रचित एक गंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वहस्त क्रिया – Svahasta Kriyaa. Doing some work by oneself. साम्परायिक आस्रव सम्बन्धी 25 किं्रयाओ मे एक किं्रया, दूसरे के द्वारा करने योग्य कार्य को स्वयं संपादित करना।