नम्दाकवि!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नम्दाकवि A Pandit who wrote ‘Sudarshan charitra’ पंडित; सुदर्शन चरित्र के कर्ता ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नम्दाकवि A Pandit who wrote ‘Sudarshan charitra’ पंडित; सुदर्शन चरित्र के कर्ता ।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == श्रावक : == जो बहुमुल्लं वत्थु, अप्पमुल्लेण णेव गिण्हेदि। वीसरियं पि न गिण्हदि, लाभे थूर्एाह तूसेदि।। — कार्तिकेयानुप्रेक्षा : ३३५ वही सद्गृहस्थ श्रावक कहलाने का अधिकारी है, जो किसी की बहुमूल्य वस्तु को अल्पमूल्य देकर नहीं ले, किसी की भूली हुई वस्तु को ग्रहण नहीं करे और थोड़ा…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्ववष – Svavasa Own control or self controlled. आत्मवष, जो परभाव को त्यागकर निर्मल स्वभाव वाले आत्मा को ध्याता है वह स्ववष है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमपाल चांडाल–Yampal Chaandal. Name of a particular brute (Chandal), great person worshipped by deities for observing vow of non–violence on Chaturdarshi. जिसने चतुर्दशी को हिंसा न करने की प्रतिज्ञा ली थी, हिंसा न करने से देवताओ से पूजित हुआ”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्ग – Svarga. The heaven, aboding place of deities. इसका अपरनाम कल्प है ये ऊध्र्वलोक मे स्थित है। स्वर्ग के दो, विभाग है-कल्प व कल्पातीत। यहाॅ वैमानिक देव रहते है अथवा कल्पोपपन्न व कल्पातीत देवो के रहने के स्थान।
ध्यानस्तव (शास्त्र) Name of a book written by Bhaskarnandi on meditation. भास्करनंदि कृत ध्यान विषयक एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरक्षा – Svaraksaa. To have right or pure conduct, self defence. शुद्व भाव रखना ही स्वरक्षा अर्थात् आत्मरक्षा है, अहिंसा का सिद्वान्त स्वात्म रक्षा के लिये ही है।
धृतोदय A king of Kuru dynasty. धृतधर्मा के पश्चात् हुआ कुरूवंशी राजा। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]