भावबंध!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावबंध – Bhavabamdha. Psychical bondage of Karmas. जिस चेतन परिणाम से कर्म बंधता है वह भाव –बंध है ” जैसे- क्रोधादि परिणाम भाव बंध कहलाते हैं अर्थात् आत्मा के शुध्द – अशुध्द परिणामों से जो कर्म का बंध होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावबंध – Bhavabamdha. Psychical bondage of Karmas. जिस चेतन परिणाम से कर्म बंधता है वह भाव –बंध है ” जैसे- क्रोधादि परिणाम भाव बंध कहलाते हैं अर्थात् आत्मा के शुध्द – अशुध्द परिणामों से जो कर्म का बंध होता है “
द्वींद्रिय जाति नामकर्म A Karmic nature causing birth in the form of two sensed beings. वह कर्म प्रकृति जिसमें द्वींद्रिय जाति प्राप्त हो जैसे- शंख, सीप इत्यादि।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिशिष्ट – Pratishishta. See – Pratichhanda. देखें – प्रतिछंद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिरूपक व्यवहार – pratirupaka Vyavahaara. Trade with adulteration. अचौर्यागुणव्रत का एक अतिचार; असली वाटू में नकली वस्तु मिलाकर बेचना, जैसे-सोने में ताँबा मिलकर बेचना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिमान – Pratimaana. Similitude, Illustration, Example, A type of standard measure. पतिबिंब, समरूपता, उपमा, दृष्टांत, गणना प्रमाण का एक भेद-पूर्व की अपेक्षा आगे के मानों की व्यवस्था प्रतिमान कहलाती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिबोधिनी – Pratibodhinee. A type of super power which breaks the sleep. एक विद्या, या निद्रा को भंग करती है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्वेषण मंत्र – Vidvesana Mantra. Mystical verses for the use of causing mutual contradiction. वशीकरण, मारण, उच्चाटन आदि मन्त्रों में से परस्पर में विद्वेष कराने वाला एक मंत्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिपृच्छा – Pratiprichchhaa. Re-questioning, reasking (accepting something after asking for it). समाचार का एक भेद; साधर्मी अथवा गुरु आदि से पहले दिए हुए उपकरणों को पुनः पुनः पूछकर ग्रहण करना “
द्वितीयावली A specified time period (related to Avali). उदयावली से ऊपर के आवली प्रमाण काल को द्वितीयावली या प्रत्यावली कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिच्छन्न – Praticchanna. A type of peripatetic deities. व्यन्तर देवों की भूत जाति का एक भेद “