उपशमचारित्र!
उपशमचारित्र Subsidence character (conduct related to upasham). समस्त मोहनीय कर्म के उपसम से 11 वें गुणस्थान में औपशमिक चारित्र होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपशमचारित्र Subsidence character (conduct related to upasham). समस्त मोहनीय कर्म के उपसम से 11 वें गुणस्थान में औपशमिक चारित्र होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध उपयोग – Shuddha Upayoga. Right conduct or reflections. राग द्वेषादि रहित आत्मा के सन्मुख उपयोग, स्वानुभवरूप भाव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गलसंघात – Pudgalasamghata. Densely aggregation of matters. पुद्गलों का सघन रूप से मिलना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशुध्दी लब्धि – Vishuddhi Labdhi. Attainment of passionfreeness causing right perception. सम्यक्त्व प्राप्त कराने वाली ५ लब्धियों में एक लब्धि, साता वेदनीय आदि शुभकर्मो के बंध योग्य परिणाम का नाम विशुध्दि है उसकी प्राप्ति होना विशुध्दि –लब्धि है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गल अनुभाग – Pudgala Anubhaga. Fruitional power of Karmas (Pudgal). ज्वर आदि रोगों के उत्पन्न करने और विनाश करने का नाम पुद्गलानुभाग है, अर्थात् पुद्गलकर्मों के शुभाशुभ फल देने की शक्ति “
उपशम सत्त्वकाल Subsidence – state period . अन्तर्मुहूर्त काल उपशम सत्त्वकाल है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रज्ञप्ति – Pragyapati. Name of ruling female demigod of Lord Sambhavanath, A type of super power. सम्भवनाथ भगवान की शासन देवी का नाम, विधाधरों की एक विधा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्य (तत्त्व) – Punya (Tattva) Merits, Pious qualities or elements. जीव के दया, दानादि रूप शुभ परिणाम जिससे आत्मा विशुद्ध हो पुण्य कहलाते हैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मरण : == एकं पण्डितमरणं, छिनत्ति जातिशतानि बहुकानि। तद्मरणे मत्र्तव्यं, न मृत: सुमृत: भवति।। —समणसुत्त : ५७० एक पंडित मरण (ज्ञानपूर्वक मरण) सैकड़ों जन्मों का नाश कर देता है। अत: इस तरह मरना चाहिए, जिससे मरण सुमरण हो जाए। एकं पण्डितमरणं, प्रतिपद्यते सुपुरुष: असम्भ्रान्त:। क्षिप्रं स मरणानां, करिष्यति…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचास्तिकाय – Panchaastikaaya. A great treatise written by Acharya Kund-kund. आचार्य कुन्द-कुन्द (ई.127-179) द्वारा रचित ग्रंथ “