वासुदेव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वासुदेव – Vaasudeva.: Another name of Shri Krishna. श्री कृष्ण का अपरनाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वासुदेव – Vaasudeva.: Another name of Shri Krishna. श्री कृष्ण का अपरनाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वारना – Vaaranaa.: Wavering of lamp in repeated series of circles in reverence i.e. to perform the ceremony of Arti. दीपक से अवतरणविधिपूर्वक आरती उतारना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धद्रव्यार्थिक नय – Shuddhadravyaarthika Naya. A viewpoint related to real entity or realness of matters. जो शुद्ध द्रव्य के अर्थरूप से आचरण करता है वह शुद्ध द्रव्यार्थिक नय है ” जैसे शुद्ध नय की अपेक्षा से जीव एक तथा शुद्ध है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुनर्वसु – Punarvasu. Name of a lunar. २७ नक्षत्रों में एक नक्षत्र, अभिनन्द्ननाथ भगवान के गर्भ एवं जन्म नक्षत्र का नाम “
तोरण An arched gateway, a decorative and welcoming symbol.महराबदार बनाया हुआ द्वार, सिंहद्वार , अस्थाई रूप से बनाया हुआ शोभाद्वार । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == ज्ञानी : == केवलसत्तिसहावो, सोहं इदि चिंतए णाणी। —नियमसार : ९६ ‘मैं केवल—शक्ति स्वरूप हूँ’—ज्ञानी ऐसा िंचतन करे। जह कणयमग्गितवियं पि, कणयभावं ण तं परिच्चयइ। तह कम्मोदयतविदो, ण जहदि णाणी दु णाणित्तं।। —समयसार : १८४ जिस प्रकार स्वर्ण अग्नि से तप्त होने पर भी अपने स्वर्णत्व को नहीं…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गलयुति – Pudgalayuti. Assemblage of matters. द्र्व्ययुती का एक भेद; एक स्थान पर पुद्गलों का मिलना “
दत्ति Four types of Donation. दान, इसके 4 भेद हैं – दयादत्ति, पात्रदत्ति , समदत्ति , अन्वय दत्ति। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == स्यद्वाद : == सप्तैव भवन्ति भंगा, प्रमाणनयदुर्नयभेदयुक्ता अपि। स्यात् सापेक्षं प्रमाण:, नयेन नया दुर्नया निरपेक्षा:।। —समणसुत्त : ७१६ (अनेकान्तात्मक वस्तु की सापेक्षता के प्रतिपादन में प्रत्येक वाक्य के साथ ‘स्यात्’ लगाकर कथन करना स्याद्वाद का लक्षण है।) इस न्याय में प्रमाण, नय और दुर्नय के भेद से युक्त…