एव!
एव Exclusively, Infact. निश्चयरूप से,इसी प्रकार।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
धर्मप्रिय Zealous in religion, Name of the grandfather of Jambuswami; father’s name of Arhaddas. धर्मानुरागी , जम्बूस्वामी के पितामह ; अर्हद्दास के पिता । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाहु – Bahu. Name of the 3rdTirthankar situated in videhKshetra (region). विदेह क्षेत्र में स्थित तीसरे तीर्थकर का नाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंभूस्तोत्र – Svayammbhuustotra. Name of a famous eulogical composition composed by Acharya Samantbhadra. आचार्य समन्तभद्र (ई0श0 2) कृत संस्कृत छंदबद्व ग्रथ। इसमे 24 तीर्थकरो का स्तवन न्यायपूर्वक अनेकांत की स्थापना करते हुए किया गया है। कुल श्लोक 143 है।
धर्मकर्ता The propagators (Omniscient, Preceptors) of the religion (reg. salvation). सर्वज्ञदेव, गणधर, आचार्य धर्म के कर्ता कहलाते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == जय परायज : == स वोरिए परायिणति, अवीरिए परायिज्जति। —भगवती सूत्र : १-८ शक्तिशाली (वीर्यवान्) जीतता है और शक्तिहीन (निर्वीर्य) पराजित हो जाता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव पुद््गल – Svabhaava Pudgala. A pure particle of a Pudgal. पुद्गल द्रव्य के दो भेदो मे एक भेद। पुद्गल का एक शुद्व परमाणु स्वभाव पुद्गल और स्कंथ विभाव पुद्गल कहलाते है।
धरणानंद Name of the second Indra of Nagkumar deities. भवनवासी नागकुमार देवों का द्वितीय इन्द्र, अधोलोक में प्रथम पृथ्वी के खर भाग में इनके भवन है।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोहज भाव–Mohaj Bhav. Disposition caused by delusion. मोह से उत्पन्न होने वाले औदयिक भाव”
धनपालक The 60th chief disciple of Lord Rishabhdev. भगवान ऋषभदेव के 60 वें गणधर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]