जगत्!
जगत् Universe, Temporal world. लोक . ३४३ घ राजू को लोक कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जगत् Universe, Temporal world. लोक . ३४३ घ राजू को लोक कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोगराहित्य – रोगरूपी बाधा का अभाव होना। अर्हत भगवान के देवकृत अतिषयों में एक अतिषय। समवषरण में सम्पूर्ण जीवों को रोग आदि की बाधाए नही होना। Rogarahitya-Devoid of disease, an excellence of lord Arihant
जघन्य आराधना A type of adoration. तेजोलेश्या के धारक क्षपक की भक्तप्रत्याख्यान आराधना।।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तडिद Lightening, reason for the worldly detachment of Lord Chandraprabha & Mallinath. बिजली चमकाना, चन्द्रप्रभु भगवान एंव मल्लिनाथ भगवान का वैराग्य कारण । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजवृत्ति – राजा का कार्य, पक्षपात हो कुल की मर्यादा, बुद्धि और अपनी रक्षा करते हुए न्याय पूर्वक प्रजा का पालन करना राजाओं की राजवृत्ति कहलाती है। Rajavrtti-Ruling duties of a king
जम्बूद्वीपव्रत A type of vow (fasting) to be observed for different 78 days related to the 78 natural temples of Jambudvip. जम्बूद्वीप क्व सुदर्शन मेरू के १६ , गजदन्त के ४ , जम्बू शाल्मलिवृक्ष के २, वक्षार के १६ , विजयार्ध के ३४ , षट्कुलाचल के ६ ऐसे १६+४+२+१६=७८ जिन्मंदिरों के ७८ वृत करना होते…
तंत्रवार्तिक Name of a commentary book written by Kumaril Bhatta. मीमांशा दर्शन की कुमारिल भट्ट (ई.700)रचित एक गंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ममकार – Mamakara. My-ness , A feeling of mine with worldly objects. आत्मा से भिन्न पर पदार्थों में मेरेपन का भाव ममकार हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतबली – Bhutabali. Name of a great Acharya, the disciple of Acharya Arhadvali. एक आचार्य (ई. ६६-१५६)जिनके दीक्षा गुरु आचार्य अर्ह्द्वली और शिक्षा गुरु ध्ररसेन थे ” इन्होनें षट्खंडागम के सूत्रों की रचना की है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वोपशमन – Sarvopashamana. Subsidence of all 28 Karmic Nature of delusion. मोहनीय कर्म की 28 प्रकृतियों का उदयाभाव करना । यह धर्मध्यान का फल है।