उपयोग (शुभ)!
उपयोग (शुभ) Gracious attention. दया दान पूजा व्रत शील आदि रुप रागरुप परिणाम होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपयोग (शुभ) Gracious attention. दया दान पूजा व्रत शील आदि रुप रागरुप परिणाम होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == वाणी : == पुव्विं बुद्धीए पासेत्ता, तत्तो वक्कमुदाहरे। अचक्खुओ व नेयारं, बुद्धिमन्नेसाए गिरा।। —व्यवहारभाष्य पीठिका : ७६ पहले बुद्धि से परखकर फिर बोलना चाहिए। अंधा व्यक्ति जिस प्रकार पथ—प्रदर्शक की अपेक्षा रखता है, उसी प्रकार वाणी बुद्धि की अपेक्षा रखती है।
उपपादसभा Hall of genesis (origin) . कल्पवासी देवों के चैत्यालय में सुधर्मा सभा के ईशान दिशा में उपपाद सभा है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैक्रियिक काययोग –VaikriyikaKayayaga Vibration in the soul points of transformable body of deities & hellish beings. वैक्रियिक शरीर में या उसके द्वारा जो आत्मा के प्रेदशो में परिस्पंदन होता हैं उसको वैक्रियिक काययोग कहते हैं “
उपकार Beneficence, favour, Kindness. भला उपग्रह धर्म द्रव्य गतिरूप से तथा अधर्मद्रव्य स्थिति रूप से जीव और पुद्गल का उपकार करते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाह – Vaaha.: An exclaimative word, A kind of former weighting unit. आश्चर्यरूप अभिव्यक्ति का एक शब्द जैसे –‘अरे वाह’ ” तौल का एक प्रमाण ;20 खारी = 1 वाह “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वायुकुमार देव – Vaayukumaara Deva.: A type of residential deities. भवनवासी देवों का 10 वां भेद “इनके मुकुटों में घोड़े का आकार है एवं इनके 96 लाख भवन हैं “
उपचितावयन पद Specified terms of organ diseases etc. रोगादि के निमित्त मिलने पर किसी अवयव के बढ़ जाने से जो नाम बोले जाते हैं जैसे गलगंड लम्बकर्ण आदि।[[श्रेणी:शब्दकोष]]