निरोध!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरोध – Nirodha. Restraining, Controlling. रोकना, नियंत्रितकरना–गमन, भोजन, शयन और अध्ययन आदि विविध क्रियाओंमें भटकने वाली चित्तवृत्ति को रोक देना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरोध – Nirodha. Restraining, Controlling. रोकना, नियंत्रितकरना–गमन, भोजन, शयन और अध्ययन आदि विविध क्रियाओंमें भटकने वाली चित्तवृत्ति को रोक देना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रौद्र – हिंसा व क्रूरता का कर्म व इसमें होने वाला भाव, काव्य के 9 रसों में एक रास। Raudra-violent, passion fearsome a literary sentimental form of poem
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निराभरण – Niraabharana. Compeletely freeness from all ornament (a characteristic of Jina-Lord idol). आभूषण से रहितता जिनप्रतिमाओं का एक लक्षण, जो राग अभाव का एक सूचक है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपिणी – इच्छानुसार अपना रूप परिवर्तन करने में सक्षम एक विद्या। Rupini-a magical power of transforming body form
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुवल्गु – Suvalgu Name of a region of western Videh. Name of a summit of Naggiri Vakshar (mountain) & its governing deity. अपर विदेहस्थ एक क्षेत्र (अपरनाम सुगन्धा ) । नागगिरि वक्षार का एक कूट व उसका स्वामी देव ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरर्थखण्डन – Nirarthakhandana. Rejoinder or refutation on the ground of meaningless. अर्थ-प्रयोजन रहित खंडन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राश्ट्रकूटवंश – जंगतुग अमोधवर्श आदि राजाओ का वंष। इस वंष का राज्य मालवा प्रदेष में था। राजधानी मान्यखेट थी। Rastrakutavamsa-Name of a dynasty
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकसेन –Lokasena.: Name of the disciple of Achrya Gunbhadra. पंचस्तूप संघ की गुर्वावली के अनुसार आचार्य गुणभद्र के प्रमुख शिष्य ” आचार्य गुणभद्र रचित अधूरे उत्तरपूराण को पूर्ण किया ” समय –ई. 897-930 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरंतरबंधी प्रकृति – Nirantarabandhi Prakrti. Constant Karmic nature (reg. binding). जो प्रकृतियां अंतर्मुहूर्त आदि काल तक निरंतर रूप से बंधती है “