निश्चय संयम!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय संयम – Nishchaya Sanyama. Absolute restraint. सम्यग्दर्शन ज्ञान चारित्र में परिणत आत्मा में आत्मनिष्ठता होना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय संयम – Nishchaya Sanyama. Absolute restraint. सम्यग्दर्शन ज्ञान चारित्र में परिणत आत्मा में आत्मनिष्ठता होना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शाल्मली वृक्ष – Shalmali Vriksha. The silk-cotton tree, this kind of natural trees are found in the south of Sumeru mountain in each of jambudvip, dhatkikhanddvip & Pushkarardhadvip. सेमल (रुई) का वृक्ष; अकृत्रिम जम्बूद्विप रचना के अन्दर सुमेरु पर्वत की दक्षिण दिशा में देवकुरु भोगभूमि में स्थित पृथ्वीकायिक एक अकृत्रिम वृक्ष ” हस्तिनापुर में…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय प्रभावना – Nishchaya Prabhaavanaa. Enlightening the soul by the influence of right belief-knowledge & conduct. मुनि अवस्था में सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चरित्र रूप रत्नत्रय के प्रभाव से आत्मा को प्रकाशमान करना “
इंद्रध्वज विधान A book written by Ganini Gyanmati Mataji related to Pooja-Vidhan (worshipping). गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमति माताजी द्वारा मध्यलोक के 458 आकृत्रिम जिन-चैत्यालयों की पूजन हेतु रचित एक अनुपम कृति (ई.स.1976)। वर्षा के अभाव में इस विधान को करने की प्राचीन परम्परा है। वर्तमान में अपने मनोरथों की सिद्धि हेतु भी लोग इस विधान…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक संगति –Laukika Sangati : Worldly relationship . लौकिक जनों का संसर्ग या सांसारिक असंयमी जनों की संगति “संयमीजनों के लिए असंयमीजनों की संगति निषिद्ध मानी गई है
उपालंभ Censure, Expression of disapproval . प्रतिषेध दुर्वचन उलाहना स्थगित करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय आचार – Nishchaya Aachaara. See – Nishchayacara. देखें – निश्चयाचार “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोभाकुलता –Lobhaakulta A fault of meditative relaxation (greedful uneasiness in meditation). कायोत्सर्ग का एक दोष ;लोभ वश चित्त में विक्षेप होना “
उपसर्ग Calamity, State of affliction, Prefix. पर के निमित्त से आने वाली विपत्ति या संकट, उपसर्ग 4 प्रकार के हैं- मनुष्य, देव, तिर्यच, और प्रकृति कृत। शब्द विशेष की रचनाओं में शब्द के आगे लगाने वाले अक्षर विशेष को भी हिन्दी व्याकरण में उपसर्ग कहा जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकेषणा –Lokeshnaa. Longing for worldly fame . लौकिक सुख की इच्छा “लोकप्रसिद्धि की भावना “