वांछा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वांछा – Vaanchaa.: Desire,Longing, a type of passion. इच्छा ,अभिलाषा “इसे ही परिग्रह कहा गया है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वांछा – Vaanchaa.: Desire,Longing, a type of passion. इच्छा ,अभिलाषा “इसे ही परिग्रह कहा गया है “
उषित अन्न Stale food, Not edible. बासी व अमर्यादिक भोजन, अग्नि पर पकाये हुए अथवा गर्म घी में पकाये हुए पदार्थ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मनाभचरित्र: A book written by Acharya Shubhchandra. आचार्य शुभचन्द्र (ई0 1516 -1556) कृत एक ग्रन्थ ।
[[श्रेणी :शब्दकोष ]] मिश्र औदरिक कयायोग–Mishra Oudarik Kayayoga. See –Oudarik Mishra Kayayoga. देखे–औदरिक मिश्रकयायोग”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वसुनंदि – Vasunandi.: Name of different Acharyas of Nandi group. नंदिसंघ देशीयगण के एक आचार्य ,जिनका अपरनाम जयसेन था “श्रावकाचार ,प्रतिष्ठासार संग्रह ,मूलाचार वृत्ति, आप्तमीमांसा वृत्ति ,जिनशतक,वस्तु आदि के रचयिता ” समय –ई.स. 1068-1118 “इस नाम के और भी कई आचार्य हुए हैं “
उभयशुद्धि सम्यग्ज्ञान का एक अंग व्यंजन और उसके वाच्य (अर्थ) अभिप्राय की शुद्धि उभयशुद्धि है। अपरनाम तदुभयशुद्धि।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेरुधन–Merudhan. Name of a chief disciple of Lord Adinath. भगवान्आदिनाथ के एक गणधर का नाम”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वशवर्तिता – Vashavartitaa.: An example of power of Karmas, fruition of Karmas causing developments of sense organs. कर्म की बलवत्ता का एक उदाहरण; नाम कर्मोदय की वशवर्तिता से इन्द्रियां उत्पन्न होती है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदविभागी: A kind of Criticism, A kind of good conduct of saint. आलोचना का एक भेद, क्षेपक क्षरा आचाय्र्र के आगे क्रम से दोषो की आलोचना करना, साधुओं के क्षरा की जाने वाली समाचारी विधि का एक भेद, समस्त दिन एवं रात की परिपाटी में मुनियों क्षरा नियामें का निरन्तर आचरण करना ।