रसकर्म!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसकर्म – मंत्र – तंत्र आदि के द्वारा रस आदि की सिद्धि करना। Rasakarma- Mystical activity
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसकर्म – मंत्र – तंत्र आदि के द्वारा रस आदि की सिद्धि करना। Rasakarma- Mystical activity
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिवनंदि – Shivanandi. Name of a Bhattarak of Nandi group. नंदिसंघ बलात्कारगण वारां (राजस्थान) की गद्दी के एक भट्टारक ” समय- वि. 1148 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नीच – Neecha. People from low caste, low-caste group. निम्न, नीच गोत्र व नीच कुल आदि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगवक्रता – मन वचन काय की कुटिलता। Yogavakrata-Crookedness in activities of mind, speech & body
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन विवेक –Vachan Vivek : Wishful speaking ,Conscious speech. विवेक का एक भेद ;क्रोधादि कषाय उत्पन्न होने पर मैं मारूंगा इत्यादि वचन का प्रयोग न करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भक्तपान संयोजना – Bhaktapana Samyojana. Mixing of edibles (reg. green veg. & sterilized material). अजीवाधिकरण का एक भेद; सचित और अचित खानपान को एक दूसरे में मिलाना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगमुद्रा – पल्संकासन, पर्यकासन और वीरासन इन तीनो मे से किसी भी आसन के साथ, बाए हाथ की हथेली पर दाए हाथ की हथेली रखकर ध्यानावस्था में बैठना। Yogamudra-A cross legged posture of meditation
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन (सत्प्रतिषेध) – Vachan (Satpratisedha).: Speech with negation of truth. असत्य वचन के 4 भेदों में प्रथम भेद; अस्तित्वरूप पदार्थ का निषेध करना ” जैसे – मनुष्यों की अकाल में मृत्यु नहीं हैं ऐसा कहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूक्षस्पर्ष नामकर्म – जिस कर्म के उदय से षरीर रूखा हो। Ruksasparsa Namakarma-A type of karma causing dry skin in body