धम्मरसायण!
धम्मरसायण A book written by a saint, Padmanandiji. मुनि पद्मनन्दि (ई.977) कृत का ग्रंथ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धम्मरसायण A book written by a saint, Padmanandiji. मुनि पद्मनन्दि (ई.977) कृत का ग्रंथ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गोमेध Ruling demigod of Jaina Lord Naminath. नमिनाथ भगवान् का शासन देव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मणि – Mani.: Gems, one of the jewels of Chakravarti (emperor) among 14 jewels. अनेक प्रकार के रत्न , चक्रवर्ती के 14 रत्नों में एक रत्न “
धनधान्य प्रमाणातिक्रम Exceeding the set limits of grains, cattle and wealth (an infraction). परिगग्रह परिमाणव्रत का एक अतिचार, धन, गाय, भैस एवं धान्य पदार्थ संग्रह के लिए की हुई मर्यादा का उल्लंघन करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम – Sama. Equanimous, Harmonious. एकत्व रुप से अर्थात् एकीभाव से होना।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भक्ति – Bhakti. Eulogical devotion for Lord. अर्हत आदि के गुणों में अनुराग रखना भक्ति है अथवा निज परमात्म तत्त्व के सम्यक् श्रध्दान – अवबोध – आचरण स्वरूप शुद्ध रत्नत्रय परिणामों में अनुरक्त रहना “
घोर तप A supernatural power of doing hard penance even after illness. जिस ऋद्धि के प्रभाव से ज्वर आदि से पीड़ित होने पर भी साधु अत्यंत कठिन तप करने में सक्षम होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मच्छरसम श्रोता – Maccharasama Srota. A type of bad listener. अधम श्रोता का एक प्रकार “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवभिघ – Bhavabhidya. One destroyer of worldy transmigration, An epi- thet for the devotional prayer of Lord Arihant. संसार का भेदन करने वाली जिनभक्ति का विशेषण “