भागफल्गु!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भागफल्गु – Bhagaphalgu. Name of the 54th chief disciple of Lord Rishabhdev. तीर्थकर वृषभदेव के ५४ वें गणधर “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भागफल्गु – Bhagaphalgu. Name of the 54th chief disciple of Lord Rishabhdev. तीर्थकर वृषभदेव के ५४ वें गणधर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रश्नव्याकरण- द्वादषांग श्रुतज्ञान का दसवां अंग; जिसमें युä अिैर नयों के द्वारा अनेक प्रष्नों का उत्तर दिया गया है। Prasnavyakarana- A type of scriptural knowledge pertaining to answering the question
द्रव्य युति State of the unity of matters.समीपता या संयोग का नाम युति है जीवयुति, पुद्गलयुति और जीवपुद्गलयुति के भेद से द्रव्य युति तीन प्रकार की है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहुफणा- बहुत सारे फण सहित। जैसे-शत या सहस्त्रफण वाले पाश्र्र्नाथ भगवान की प्रतिमाए। Bahuphani – Multi-headed
द्रव्य पर्याय आरोप Treatment of model appearance (Paryaya) into matter and matter into model appearance. अशुद्ध द्रव्यार्थिक नय से द्रव्य में पर्याय का और पर्याय में दव्य का उपचार करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्लक्ष – पद्पुरण के अनुसारसिताल्नाथ भगवन के दीक्षा वृक्ष का नाम ” महापुराण के अनुसार ये वृक्ष बेल का है ” Plaksa- Name of the initiation tree of lord Sheetalnath
द्रव्यत्व Substantiality. द्रव्य के 6 सामान्य गुणों में एक जिस शक्ति के निमित्त से द्रव्य हमेशा एकसा नहीं रहता, उसकी पर्यायें हमेशा बदलती रहती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संक्रमण – Sankramana. Transition of Karmic nature. कर्म प्रकृतियों का बदलकर अन्य प्रकृति रूप हो जाना “
द्रव्य अनुयोग One of the 4 expositions (Anuyogs) of Jainism, dealing with substances (matters) & metaphysics. 4 अनुयोगों में एक – पदार्थों के अस्तित्व तथा उनके प्रमाण का वर्णन अथवा शुद्ध-अशुद्ध जीव आदि छः द्रव्यों का वर्णन।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकोच – Sankoca. Narrowness, Contraction. सिकुड़ना, संक्षेपण, सहमना “