संसार!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संसार- Sansaara. World, Wordly wandering through birth & death cycle. कर्म के विपाक के वश से आत्मा को भवांतर की प्राप्ति होना संसार है (चारों गतियों में भ्रमण होना) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संसार- Sansaara. World, Wordly wandering through birth & death cycle. कर्म के विपाक के वश से आत्मा को भवांतर की प्राप्ति होना संसार है (चारों गतियों में भ्रमण होना) “
जननाभिषव An auspicious bathing (anointment) of Jaina Lord (Tirthankar). तीर्थंकरों का जन्माभिषेक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यादचेतन – Syaadacetana. Exposition of soul as inanimate because of its relationship with karmas, which are inanimate.कर्म अचेतन है एवं जीव से सम्बद्व है, इस दृष्टि से जीवो को अचेतन कह देना।
जन्नाचार्य A Marathi poet and writer of ‘Shrenik Charit’, An epithet of Vishnu. कन्नड़ कवि (ई. ११७०-१२२५) , अनंतनाथ पूरण के रचयिता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहदेवी – Sahadevi. The mother of Sukaushal, a saint. सुकौशल मुनि कामता । सुकौशल के मुनि हो जाने पर पुत्र वियोग से मरकर सिंहनी हुई । पूर्व के क्रोधवष सुकौशल को खा लिया । अंत में सुकौशल के पिता कीर्तिधर (मुनि) से पूर्वभव जानकर पश्चातापपूर्वक देह का त्याग कर स्वर्ग गयी ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभुत्व शक्ति – Vibhutva Sakti. The supreme thought which is pervaded every where. सर्व भावों में व्यापक ऐसी एक भाव रूप शक्ति ” जैसे – ज्ञानरूपी एक भाव सर्व भावों में व्याप्त होता है “
जघन्य नक्षत्र Lunars of 15 Muhurta (a muhurta is of 48 minutes). जो नक्षत्र १५ मुहूर्त के रहते हैं उनको जघन्य नक्षत्र कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उद्भव A king of Yadu dynasty, Origination, Evolution. यदु (यादव) वंश का एक राजा उत्पत्ति रचना स्रोत।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजंगशाली – Bhujangashali. A type of peripatetic deities. महोरग जातिय व्यंतर देवों का एक भेद “
जघन्य कषायांश Lowest part of passions. कषाय के जघन्य अंश , जघन्य भाव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]