गुरुतत्त्वविनिश्चय!
गुरुतत्त्वविनिश्चय A book written by Shvetambaracharya Yashovijay. श्वेताम्बराचार्य यशोविजय(ई. १६३८-१६८८)द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुरुतत्त्वविनिश्चय A book written by Shvetambaracharya Yashovijay. श्वेताम्बराचार्य यशोविजय(ई. १६३८-१६८८)द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
धारणी A city in the north of Vijayardh mountain. विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्या – Vidya. Knowledge, the power of exploring realities of some matter. शिक्षा या यथावस्थित वस्तु के स्वरूप का अवलोकन करने की शक्ति “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मख – Makha. A Sacrificial activity. याग, यज्ञ, पूजा आदि करना , पूजा विधि का पर्यायवाची शब्द “
धवल (कवि) A poet, the writer of ‘Harivanshpuran’. अपभ्रंश भाषाबद्ध हरिवंश पुराण के कर्ता। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्त नय – Sapta Naya. Seven kinds of standpoints. नैगम, संग्रह, व्यवहार, ऋजुसूत्र, शब्द, समभिरुढ़ व एवंभूत। इन सात नयांे मे प्रारंभिक तीन द्रव्यार्थिक नय तथा अंतिम चार पर्यायार्थिक नय कहलाते है।
धर्माकार दत्त Another name of poet Archat. अर्चट कवि का अपर नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धाशुद्धोपयोग – Shuddhashuddhopayoga. Passionless and passionful conduct. शुद्ध व अशुद्ध उपयोग का मिश्ररूप “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्मति – Sanmati. The other name of Lord Mahavira, Name of the 2nd Kulkar (ethical Founder). भगवान महावीर का अपरनाम, यह नाम पालने मे झूलते बालक वद्र्वमान को देखकर संजय और विजय नामक चारण ऋद्विधारियो ने अपना संदेह दूर होने पर रखा था। प्रतिश्रुति कुलकर का पुत्र दूसरा कुलकर। इन्होने प्रजा को ज्योतिष विघा…
धर्मरसिक Name of a book written on lustral anointment of Lord idols. पंचामृत अभिषेक आदि पर रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]