थानक पंथी / थानकवासी!
थानक पंथी / थानकवासी A shvetambar Jain sect. श्वेताम्बर जैन पंथ, ये प्रतिमा को नहीं पूजते हैं, साधु वस्त्र एंव मुह पर पट्टी रखते हैं । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
थानक पंथी / थानकवासी A shvetambar Jain sect. श्वेताम्बर जैन पंथ, ये प्रतिमा को नहीं पूजते हैं, साधु वस्त्र एंव मुह पर पट्टी रखते हैं । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बालुक – Baluka. Name of heavenly space vehicle of SaudharmaIndra. सौंधर्म इन्द्र के यान विमान का नाम “
त्रैकाल्ययोगी The disciple of Golacharyaji. एक आचार्य (ई.920-930) जो गोलाचार्य (ई. 900-920) के शिष्य तथा अभयनंदि (ई.930-950) के गुरू थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्तिकत–Muktikant. Salvated one. सिद्धभगवान्, जो उपमा अलंकर के अनुसार मुक्तिरुपी कन्या के पति होते है”
त्रिवलित A fault or religious activities. कायोत्सर्ग का एक अतिचार, वंदना का एक अतिचार , कटि ग्रीवा, मस्तक, आदि पर तीन बल पड़ जाना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वासुदेव – Vaasudeva.: Another name of Shri Krishna. श्री कृष्ण का अपरनाम “
चतुर्दश गुणस्थान Fourteen Gunsthan-stages of spiritual developments. १४ गुणस्थान ; मिथ्यात्व , सासादन , मिश्र , अविरत सम्यग्दृष्टि , देशाविरत , प्रमत्त , अप्रमत्त, अपूर्वकरण , अनुवृत्तिकरण, सूक्ष्म-साम्पराय , उपशांत मोह , क्षीणमोह , संयोगकेवली, आयोगकेवली ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वारना – Vaaranaa.: Wavering of lamp in repeated series of circles in reverence i.e. to perform the ceremony of Arti. दीपक से अवतरणविधिपूर्वक आरती उतारना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धद्रव्यार्थिक नय – Shuddhadravyaarthika Naya. A viewpoint related to real entity or realness of matters. जो शुद्ध द्रव्य के अर्थरूप से आचरण करता है वह शुद्ध द्रव्यार्थिक नय है ” जैसे शुद्ध नय की अपेक्षा से जीव एक तथा शुद्ध है “