पतंजलि!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पतंजलि:A Yoga Philosophy] Name of a founder of Yogashastra. योग दर्षन का एक भेद-पातंजलियोग ’राज्योग’ कहलाता है।, योग शास्त्र के प्रणेता का नाम ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पतंजलि:A Yoga Philosophy] Name of a founder of Yogashastra. योग दर्षन का एक भेद-पातंजलियोग ’राज्योग’ कहलाता है।, योग शास्त्र के प्रणेता का नाम ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विहारक्रिया संस्कार –ViharakriyaSamskara. Auspicious activity pertaining to the spatial movement of Tirthankar (Jaina-Lord) from one place to another. गर्भान्वयी की एक क्रिया, धर्मचक्र को आगे करके तीर्थकरों का आकाशमार्ग से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना विहारक्रिया हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्थान गोपुच्छा :Particular decreasing sequence of Krishti.निचली विवक्षित संग्रह कृष्टि की अन्त कृष्टि के ऊपर की अन्य संग्रहकृष्टि का विषेष घटता क्रम ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुखवस्त्रिका–Mukhavastrika. Mouth mask used by some of the Shvetambar sainta. श्वेताम्बर मत के कुछ साधु–साध्वियो द्वारा उपयोग की जाने वाली श्वेत मुख पट्टी”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवनवासी देव – Bhavanavasi Deva. Residential celestial beings. चतुर्निकाय के देवों में प्रथम निकाय के देव, ये १० प्रकार के होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पर सामान्य:A type of universal entities. सामान्य का एक भेद, इसे सत्ता, भाव और महासामान्य भी कहते है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यश–Yash. Fame, name of a summit situated at Ruchak mountain. प्रसिद्धि, रुचक पर्वत पर स्थित एक कूट”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेषण – Visheshana. Adjective – a qualifying word. गुणवाचक शब्द, गुण, विशेषता ” वह शब्द जो किसी दूसरे शब्द की विशेषता प्रकट करता है “
त्रिकालज्ञता To have unlimited knowledge of present, past and future. तीनों कालों का ज्ञान होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]