दिव्यौषध!
दिव्यौषध A divine medicine, A city in the south of Vijayardh mountain. सर्वरोगविनाशक एक दैविक औषधि, विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दिव्यौषध A divine medicine, A city in the south of Vijayardh mountain. सर्वरोगविनाशक एक दैविक औषधि, विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृत्यु–Mratyu. Death. मरण; जीवो के प्राणों का विसर्जन या जीव का निष्प्राण हो जाना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गल बंध – Pudgala Bamdha. Assemblage of two or more matters. दो, तीन आदि पुद्गलों का समवाय संबंध. स्कंध; स्निग्ध- रुक्ष आदि गुणों के कारण पुद्गलों का जो बंध होता है “
दिवा भोजन To take food during only day time. दिन में भोजन करना (रात्रि भोजन का त्याग करना)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वामा – Vaamaa.: Mother’s name of Lord Parshvanath. भगवान पार्श्वनाथ की माता “अपरनाम ब्राम्ही ,वर्मिला “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यफल – Punyaphala. The fruit of meritorious actions. पुण्यकार्यों से प्राप्त होने वाला शुभ फल. अर्हन्त अवस्था को पुण्य का उत्कृष्ट फल जानना चाहिए “
दानांतराय कर्म प्रकृति An obscurring Karmic nature in the activity of donation. अंतराय कर्म का एक भेद वह कर्म प्रकृति जिसके उदय से कोई दान देना चाहे, परन्तु दे न सके। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वादीभसिंह (अजितसेन )- Vaadibhasingha (Ajitasena).: Name of the disciple of Vadiraj-2. वादिराज-2 के शिष्य ,यादवराज ऐरेयंग शांतराज तेलगु (ई.-1103 ) के गुरु “स्याद्वाद सिद्धि के रचयिता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंडितमरण –Panditamaran. A type of holy death of saints occurring from the 6th stage of spiritual development (Gunsthan) upto the 11th one. समाधिपूर्वक मरण; छाते गुणस्थान स्वे लेकर ग्यारहवें गुणस्थान तक में होने वाला मरण पंडित मरण है” भक्त प्रत्याख्यान, डंगिनी और प्रायोपगमन ये तीन मरण पंडित मरण है “