यमकगिरी!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमकगिरी–Yamakgiri. See – Yamak. देखे–यमक” गोल, उचाई 1000 योजन, नीचे की चौड़ाई 1000योजन, ऊपर की चौड़ाई 500 योजन” इन पर इसी नाम के धारक देव रहते है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमकगिरी–Yamakgiri. See – Yamak. देखे–यमक” गोल, उचाई 1000 योजन, नीचे की चौड़ाई 1000योजन, ऊपर की चौड़ाई 500 योजन” इन पर इसी नाम के धारक देव रहते है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्करवृक्ष – Puskaravrksa. Earth bodied tree existing in Pushkarardhdvip (island). पुष्करार्धद्वीप में स्थित पृथ्वीकायिक वृक्ष, जिसके नाम से ‘पुष्कर द्वीप’ का नाम सार्थक है. इसके परिवार वृक्ष ५, ६०, ४७६ हैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == स्नेह : == नियलेहि पुरिओ च्चिय वच्चइ पुरितो जहिच्छियं देसं। एक्कं पि अंगुलमिणं, न जाइ घणनेह—पडिबद्धो।। —पउमचरिउ : ५६९ जंजीरों से बंधा हुआ मनुष्य इच्छानुसार देश में जा सकता है, पर घने स्नेह से जकड़ा हुआ मनुष्य एक अंगुल भी नहीं जा सकता।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुष – Purusa. Male, Masculine gender. जो उत्कृष्ट गुणों में और उत्कृष्ट भोगों में प्रवृति करता है एवं अच्छे भोगों में प्रवृत्त रहता है. नामकर्म के उदय से पुरुष शरीर की संरचना और पुरुषवेद कर्म के उदय से तज्जन्य भाव वाला जीव पुरुष कहलाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजगा – Bhujaga. Name of a female beloved deity of a peripatetic deity ‘Mahakay’. महाकाय नामक व्यंतर इंद्र की देवी का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रज्ञाश्रमण ऋद्धि – Pragyaashramana Riddhi. A type of supematural power related to sagacity. जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधू विशेष अध्ययन के बिना भी समस्त शास्त्रों को सूक्ष्मतासे जानने में समर्थ होता है “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == दया : == दयामूलो भवेद्धर्मो दया प्राण्यनुकम्पनम्। दयाया: परिरक्षार्थं गुणा: शेषा: प्रर्कीितता:।। —आदिपुराण : ५-२७ धर्म का मूल दया है। प्राणी पर अनुकम्पा करना दया है। दया की रक्षा के लिए ही सत्य, क्षमा शेष गुण बताए गए हैं। मा हससु परं दुहियं कुणसु दयं णिच्चमेव दीणम्मि। —कुवलयमाला :…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकलचारित्र – Sakalachaaritra. Conduct devoid of all attachments & possessions. समस्त प्रकार के परिग्रह से रहित होकर 5 महाव्रतों को धारण करना सकल चारित्र है, यह मुनियों के होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोज्ञान- Manogyana. Wisdom , mental knowledge , intelligence , Telephatic knowledge. मन के निमित से उत्पन्न होने वाला ज्ञान ” मनःपर्यय ज्ञान “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == काल : == स्पर्शरसगन्धवर्णव्यतिरिक्तम् अगुरुलघुकसंयुक्तम्। वर्तनलक्षणकलितं कालस्वरूपम् इदं भवति।। —समणसुत्त : ६३७ स्पर्श, गन्ध, रस और रूप से रहित, अगुरु—लघु गुण से युक्त तथा वर्तना लक्षण वाला काल द्रव्य है। जीवानां पुद्गलानां भवन्ति परिवर्तनानि विविधानि। एतेषां पर्याया वर्तन्ते मुख्यकाल आधारे।। —समणसुत्त : ६३८ जीवों और पुद्गलों में नित्य होने…