दश करण!
दश करण Ten operational Karmic activities. कर्म की 10 अवस्थाएं, बन्ध , उत्कर्षण , संक्रमण, अपकर्षण, उदीरणा, सत्व, उदय, उपशम, निधत्ति और निःकाचना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दश करण Ten operational Karmic activities. कर्म की 10 अवस्थाएं, बन्ध , उत्कर्षण , संक्रमण, अपकर्षण, उदीरणा, सत्व, उदय, उपशम, निधत्ति और निःकाचना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दक्षिणाग्नि A sacred fire of square fire-pit. चैकोर कुंड की अग्नि । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बालुकाप्रभा – Balukaprabha. Name of the 3rd hellish land. तृतीय नरम भूमि, अपरनाम मेघा है यह २८००० योजन मोटी है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संप्रदान कारक – Sanpradaana Kaaraka. The dative case in grammar. षट्कारकों में चतुर्थ कारक; कर्म जिसे देने में आवे अर्थात् जिसके लिए करने में आवे ” (के लिए, के अर्थ, के वास्ते) “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == निरभिमान : == जो ण य कुव्वदि गव्वं, पुत्तकलत्ताइसव्वअत्थेसु। उवसमभावे भवदि, अप्पाणं मुणदि तिणमेत्तं।। —कार्तिकेयानुप्रेक्षा : ३१३ जो पुत्र—कलत्रादि किसी का भी गर्व नहीं करता और अपने को तृण के समान मानता है, उसे उपशम—भाव होता है। रिद्धीसु होह पणंवा जइ इच्छह अत्तणो लच्छी। —कुवलयमाला : ८५ यदि…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रद्धा – Shraddhaa. Faith, Reverence, Reverential belief. दृष्टि, श्रद्धा, आस्था, रूचि और प्रत्यय ये पर्यायवाची नाम हैं ” दाता के सात गुणों में एक गुण, पात्र के प्रति आदर भाव “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यदु–Yadu. Name of a king of Hari dynasty who established Yadu dynasty. यदु (यादव) वंश का संस्थापक हरिदंशी एक राजा”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवेश- भेदन, भीतर जाना, पहुंच। Pravesa- penetration, entrance
दर्शन गुण Characteristics of the right faith.प्रशम, संवेग, आस्तिक्य, अनुकंपा ये 4 सम्यग्दर्शन के गुण हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चंद्रसेन Spiritual teacher of Aryanandi ji. आर्यनंदि के गुरु (ई. ७४२-७७३)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]