भावशुध्दि!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावशुध्दि – Bhavasuddhi. Mental purity, passionlessness. राग, द्वेष, अहंकार, आर्त व रौद्र ध्यान आदि समस्त अशुभ परिणाम से रहित होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावशुध्दि – Bhavasuddhi. Mental purity, passionlessness. राग, द्वेष, अहंकार, आर्त व रौद्र ध्यान आदि समस्त अशुभ परिणाम से रहित होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रबाहुचरित – Bhadrabahucarita. A book written by Acharya Ratnakirti. आचार्य रत्नकीर्ति (ई. १५१५) द्वारा रचित एक ग्रंथ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रक्रम – Prakrama. Sequence, A type of Karmic matter, a type of Anuyogdvar. क्रमबध्द, कार्माण पुद्ग्ल प्रचय को प्रक्रम कहते हैं, अग्रायणीयपूर्व की कर्मप्रक्रति वस्तु का ८ वां अनुयोग्द्वार “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुखधन – Mukhdhan. Something principal. आदि स्थान में जो प्रमाण या संख्या है वह मुखधन कहलाती है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भास्कर वेदांत – Bhaskara Vedanta. A particular philosophy (“Everyone gets en- grossed into Brahma after death”). द्वैताद्वैत; संसार में जीव अनेक हैं किन्तु मुक्त होने पर सब ब्रम्ह में लीन हो जाते हैं ऐसा मानना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्तिसूत्र –Vrttisutra. Briefing of some principle etc. जिसमे संक्षिप्त शब्दों में या सूत्र के समस्त अर्थ को संग्रहीत कर लिया जाता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाववान् – Bhavavan. Something having volitional quality. परिणाम मात्र; परिणामी होने से सभी द्रव्य भाववान हैं “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुनिदेव–Munidev. The chief disciple of Lord Adinath. भगवान् आदिनाथ के गणधरो का नाम”
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर कृति Sentence showing mutual contradiction. जो वाक्य मनुष्यों के कर्मो में परस्पर विरोध दिखावे उसे ’परकृति’ कहते है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकीर्णक तारे – Prakirnaka Tare. Scattered stars. ज्योतिषी देवों का एक भेद, ये आकाश में बिखरे हुए रहते हैं और यह चर और अचर के भेद से दो प्रकार के होते हैं “