जननाशौच!
जननाशौच State of ritual impurity after a child-birth. जन्म का अशौच या सूचक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जननाशौच State of ritual impurity after a child-birth. जन्म का अशौच या सूचक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यादपरम – Syaadaparama. Characteristic unstability of a matter.द्रव्य के समान 11 स्वभावो मे एक स्वभाव, कथंचित् अपने स्वभाव मे अचलवृद्वि न होना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रस निरपक्ष आहार – नीरस आहार, रसयुक्त अर्थात स्वादिश्ट भोजन आदि की अभिलाशा न करना। Rasa Nirapeksa (Ahara)-Devoid of the desire of tasty food
जघन्य स्थितिबंध Lowest Karmic binding state. संक्लेश के कम होने से कर्मों कला जघन्य स्थतिबंध होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्मृत्यंतराधान – Smrtyamtaraadhaana. Forgetfulness (an infraction).दिग्व्रत का एक अतिचार। निष्चित की हुई मर्यादा का स्मरण न रखना अथवा उसका भूल जाना
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यषोनंदी – नन्दीसंघ बलात्कर गण में यष कीर्ति ई 231 – 299 के षिश्य व देवनंदी के गुरू ई 289 – 336। Yasonamdi-Name of an Acharya of nandi Group
जगत्कीर्ति Name of Acharyas. इस नाम के काष्ठासंघ व नंदिसंघ में आचार्य हुए ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सवैडूर्य – Savaidoorya. Another name of sumeru mountain amoung many. सुमेरू पर्वत क अनेक अपरनामों में एक नाम ।
देववंदना Trikal (three times a day) Samayik (act of procedural adoration to Lord Arihant). त्रैकालिक सामायिक में विधिपूर्वक चैत्य व पंचगुरूभक्ति सहित वंदना करने को देववंदना कहते हैं । श्री वसुनंदि आचार्य की मुलाचार टीका के अनुसार , ‘‘सामाइय’’ नाम भवति। जीवितमरणलाभसंयोगविप्रयोग बन्ध्वरिसुखदुःखादिषु यदेतत्समत्वं समानपरिणामः त्रिकालदेववंदनाकरणं च तत्सामायिकं व्रतं भवति।’’ अर्थात् ‘‘ जीवन-मरण, लाभ –…
जघन्य आयु The lowest life period. मनुष्य एवं तिर्यंच में एक उच्छ्वास के १८वें भाग क्षुद्रभव की जघन्य आयु होती है जबकि देव व नारकी में दस-दस हजार वर्ष की जघन्य आयु होती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]