गणधर कीर्ति!
गणधर कीर्ति Disciple of Acharya kuvalayachandra. ई. सन् ११३२ में आचार्य कुवलययन्त्र के शिष्य ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गणधर कीर्ति Disciple of Acharya kuvalayachandra. ई. सन् ११३२ में आचार्य कुवलययन्त्र के शिष्य ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वक्कज –Vakkaja : A kind of cloths made by bark etc . वस्त्र के 5 भेदों में से एक ;वृक्ष या बेल आदि की छाल से उत्पन्न वस्त्र “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमर्श – Vimarsha. Consideration, Discussion, Consultation. सोच – विचार, विचार विनिमय करना “
गजदन्त Mountains having the shape of elephant teeth. विदेह क्षेत्र में सुमेरू पर्वत की चारों दिशाओं में सुमनस, विद्युतप्रभ, माल्यवान, गंधमादक नामक चार गजदंताकार पर्वत ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वंचन –Vanchan.: Name of a Patal(layer) of Saudharm Ishan heaven . सौधर्म ईशान स्वर्ग के 31 स्वर्ण पटलों में 11वां पटल इसका अपर नाम चंचत और चंचल भी है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषिद्धिका – Nishiddhikaa. A type of striptural knowledge (Shrutgyan). श्रुतज्ञान में अंगबाह्य का 14 वां विकल्प ” इनमें बहुत प्रकार के प्रायश्चित का वर्णन किया गया है “
गंधोदक वृष्टि One of the excellences of omniscient- showering of sacred fragrant water. अर्हन्तों के केवलज्ञान के अतिशयों में एक ; सुगन्धित जल वर्षा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिखरी – Shikharee. Having to do with summit or a peak, Name of a mountain of jambudvip (island). जिसके शिखर अर्थात कूट हो उसकी शिखरी संज्ञा है, जम्बूद्वीप का छटा कुलाचल, यह पर्वत हेममय है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चल चित्त – Nishchal Chitta. Absolute concentration on the soul. सर्व द्रव्यों में रागद्वेष का अभाव तथा आत्मस्वरूप में लीन रहना “
गन्धर्व Ruling demigod of Lord kunthunath, An art of music. कुंथुनाथ का शासन यक्ष, संगीत विद्या । [[श्रेणी:शब्दकोष]]