त्रिमुख!
त्रिमुख Ruling demigod of Lord Sambhavnath. संभवनाथ भगवान का शासन यक्ष। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिमुख Ruling demigod of Lord Sambhavnath. संभवनाथ भगवान का शासन यक्ष। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रसनाड़ी A channel or tunnel of mobile beings. लोक के बहु मध्य में एक राजु लम्बा और कुछ कम तेरह राजु ऊंचा बस जीवों का निवास क्षेत्र । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
इंद्रिय अवाय Sensory judgement. इन्द्रियों के द्वारा विशेष चिन्हों को देखकर पदार्थ का निर्णय कर लेना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आबाधा आवली Time – lag trail (invariant trail-a period of time separating two events, especially an action and its effect related to Karmas). अचलावली उदीरणा की अपेक्षा सब कर्मों की आबाधा एक आवली प्रमाण होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == कर्म-मुक्ति : == पक्के फलम्हि पडिए, जह ण फलं बज्झए पुणो विंटे। जीवस्स कम्मभावे, पडिए ण पुणोदयमुवेइ।। —समयसार : १६८ जिस प्रकार पका हुआ फल गिर जाने के बाद पुन: वृन्त से नहीं लग सकता, उसी प्रकार कर्म भी आत्मा से विमुक्त होने के बाद पुन: आत्मा (वीतराग) को…
इज्या Substitute word for worshipping method. पूजा विधि का पर्यायवाची शब्द, अर्हन्त भगवान की भक्ति करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आबाधाकाल Quiescence period – matter with fruition-less Karmas. कर्मरूप होकर आया हुआ द्रव्य जब तक उदय या उदीरणा रूप न हो तब तक के काल को आबाधाकाल कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आयतन Volume, Residence, Virtues, receptacles of right perception. किसी स्थान का त्रिविमीय माप, आवासीय स्थान, सम्यग्दर्शन आदि गुणों के आधार या आश्रय को आयतन कहते हैं, सच्चे देव शास्त्र गुरू और इनके उपासक-ये 6 आयतन कहलाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मुमुक्षु : == मिच्छत्तासवदारं रुंभइ सम्मत्तदिढकवाडेण। हिंसादिदुवाराणि वि, दिढवयफलिहेहिं रुंभति।। —जयधवला : १-१०-५५ मुमुक्षु जीव सम्यक्त्व रूपी दृढ़ कपाटों से मिथ्यात्व रूपी आस्रव द्वार को रोकता है तथा दृढ़ व्रत रूपी कपाटों से हिंसा आदि द्वारों को रोकता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीभद्र – Shreebhadra. Name of 22nd Teerthankar (Jaina-Lord) of past time. भूतकालीन 22वें तीर्थंकर “