निश्चय प्राण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय प्राण – Nishchaya Praana. Absolute consciousness. शुद्ध ज्ञान व दर्शन निश्चय प्राण है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय प्राण – Nishchaya Praana. Absolute consciousness. शुद्ध ज्ञान व दर्शन निश्चय प्राण है “
उपात्त Assimilated, Acquired matters (dravyas) . आत्मा के रागादि परिणामों से कर्म और नोकर्मरूप में जिन पुद्गल द्रव्यों को ग्रहण किया जाता है वे उपात्त कहलाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] अनिष्टसंयोगज-विष,कांटा,शत्रु आदि अप्रिय वस्तु का संयोग होने पर उससे पीछा छुड़ाने के लिये बार-बार विचार अनिष्टसंयोगज आर्त्तध्यान है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक सुख –Laukika Sukh: Worldly enjoyments or pleasures . सांसारिक विषय भोगों से प्राप्त होने वाला क्षणिक सुख “
आलाप पद्धति A book written by ‘Acharya Devasen’. आचार्य देवसेन (वि.990-1012) द्वारा संस्कृत गद्य में रचित प्रमाण नय विषयक सूत्र ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय आराधना – Nishchaya – Aaraadhanaa. Absolute spiritual prayer or meditation, Synonym word For Mokshamarga, the path of salvation. निश्चय मोक्षमार्ग का एक अपरनाम ” मुनि अवस्था में सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चारित्र व तप एन चारों की आराधना व्यवहार आराधना है, इस व्यवहार आराधना के द्वारा आत्मा में एकाग्र परिणतिरूप ध्यान निश्चय आराधना है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शवशय्यासन तप – Shavasayyaasana Tapa. A kind of austerity, to lie like a corspe. कायाक्लेश तप का एक भेद; शव की तरह निश्चेष्ट सोना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीरी – Shareeree. Having to do with the body, A living creature. जीव संसारावस्था में शरीर सहित होने पर शरीरी कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवेग – Sanvega. Mental agitation, Instinct, To have fear with the sufferings of wordly life. मन में उठने वाली भावना, अन्तःप्रेरणा, सम्यग्दर्शन के चार गुणों में से एक-संसार के दुःखों से नित्य डरते रहना अथवा पंचपरिवर्तन रूप संसार से भय उत्पन्न होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकोत्तर गणना –Lokottara Gananaa The universal calculations ,super calculations . गणना प्रमाण के दो भेदों में एक भेद ;द्रव्य ,क्षेत्र ,काल ,भाव इसके 4 भेद हैं “