यत्रतत्रानुपूर्वी!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यत्रतत्रानुपूर्वी–Yatratatranupurvi. At random exposition or accounting. आनुपूर्वी के 3 भेदो का एक भेद; क्रम के बिना जहां कही से भी कथन अथवा गणना करना “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यत्रतत्रानुपूर्वी–Yatratatranupurvi. At random exposition or accounting. आनुपूर्वी के 3 भेदो का एक भेद; क्रम के बिना जहां कही से भी कथन अथवा गणना करना “
चरणसार A book written by Acharya Padmanandi. चारित्रसार ; आचार्य पद्मनंदि (ई. श.. ११ उत्तरार्ध) कृत एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधितंत्र टीका – Samaadhitantra Teekaa. Name of a commentary book written by Acharya Prabhachandra. आचार्य प्रभाचन्द्र (ई. 950-1020) कृत संस्कृत टीका।
तिमिसगुहृा Name of a summit of Vijayardh mountain in Airavat Kshetra (region). ऐरावत क्षेत्र स्थित विजयार्थ के 9 कूटों में से तीसरा कूट। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चित्रकारपुर A city of Bharat Kshetra (region). भरतक्षेत्र का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तामिल वेद Name of a literature. एलाचर्य (अपरनाम कुंदकुंद) कृत कुरल काव्य का अपरनाम (तमिल देव)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चांडाल The untouchables, a sinful person (used as a rebuke) pertaining to the obstacle in saint-food. अस्पर्श शुद्र , चाण्डालादि के दिख जान एपर या उसका शब्द कान में पद जाने पर आहार में अन्तराय हो जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समवसरण – Samavasarana. Assembly of Lord Arihant, the place of resonant preaching of Lord Arihant. तीर्थकर की घर्मसभा को समवसरण कहते है। जहां समस्त स्त्री-पुरुष पशु-पक्षी, और देवी-देवता समान भाव से भगवान का उपदेष सुनते है अथवा जहां सभी भव्य जीव तीर्थकर की दिव्यध्वनि के अवसर की प्रतीक्षा करते है वह समवसरण है। सौधर्म…
तरक Darkness. विचार करना, चर्चा करना, अनुमान लगाना। द्वितीय नरक का प्रथम पटल।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभनंदि – Shubhanandi. A great saint well-versed in ‘Shat Khandagam’, the spiritual teacher of Bappdev. बप्पदेव के शिक्षा गुरु तथा षटखण्डागम के ज्ञाता, रविनंदि के सहचर ” समय ई.श. 1 “