त्रसकाय!
त्रसकाय Mobile beings (two sensed to five sensed beings). स्थावर जीवों को छोडकर दो इन्द्रियों से पंचेन्द्रिय तक के जीव । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रसकाय Mobile beings (two sensed to five sensed beings). स्थावर जीवों को छोडकर दो इन्द्रियों से पंचेन्द्रिय तक के जीव । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गुप्तफल्गु A chief disciple of lord Rishabhadeva. ऋषभदेव भगवान के चौरासी गणधरों में एक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तैतिल A country situated in Bharat kshetra (region). भरत क्षेत्र में स्थित एक देश। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुतार्थ – Bhutartha. Another name of Makshmarga ‘Panth of salva-tion’. निश्चय नय, मोक्षमार्ग का अपरनाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्रतिपक्षी प्रकृति – Sapratipaksee Pakriti. Karmic nature with their opposite nature. जिन कर्म प्रकृतियों की प्रतिपक्षी कर्म प्रकृति मौजूद हो-साता वेदनीय, असाता वेदनीय, तीनों वेद, हास्यादि चार, एकेन्द्रियादि 5 जातियां, 6 संस्थान, 6 संहनन, 4 आनुपर्वी, 4 गति, औदारिक-वैक्रियिक दो शरीर तथा दोनो के दो अंगोपांग, दो गोत्र त्रसादि 10 युगल और दो विहायोगति…
तेईस सिंह Twenty three lions-the 1st dream of Bharat Chakravarti (an emperor) out of 16 dreams. भरत चक्रवर्ती को आए 16 स्वपनों में प्रथम स्वपन । इसका फल है वीर के अतिरिक्त 23 तीर्थंकरों के समय दुष्ट नयों की उत्पत्ति का अभाव होगा । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
ग्रीवाधोनयन An infraction in the posture of meditation-bending of head downward. कायोत्सर्ग का एक अतिच्चार-ग्रीवा को नीचे की तरफ झुकाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तक्षेत्र – Saptaksetra. Seven regions of Jambudvip (Island) – Bharat, Haimvat, Hari, Videh, Ramyak, Hairanyavat & Eravat Kshetra. जम्बूद्वीप के भरत, हैमवत, हरि, विदेह, रम्यक्, हैरण्यवत एवं ऐरावत क्षेत्र।
तुल्य बल विरोध Having opposition equally. विरोध का एक प्रकार, ज्ञान को मान लेने पर सब पदार्थें का शून्यपना नहीं बन पाता है और सबका शून्यपना मान लेने पर स्वसंवेदन की सत्ता नहीं ठहरती है यह तुल्य बल विरोध है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
ग्राह्य वर्गणा Acceptable aggregate of Karmic molecules. ग्रहण करने योग्य पुद्गल कर्म वर्गणा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]