द्रव्य मोह!
द्रव्य मोह Physical delusion. मोह का एक भेद जीव के द्रव्यादि सम्बन्धि मूढ़भाव। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रव्य मोह Physical delusion. मोह का एक भेद जीव के द्रव्यादि सम्बन्धि मूढ़भाव। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == जय परायज : == स वोरिए परायिणति, अवीरिए परायिज्जति। —भगवती सूत्र : १-८ शक्तिशाली (वीर्यवान्) जीतता है और शक्तिहीन (निर्वीर्य) पराजित हो जाता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव पुद््गल – Svabhaava Pudgala. A pure particle of a Pudgal. पुद्गल द्रव्य के दो भेदो मे एक भेद। पुद्गल का एक शुद्व परमाणु स्वभाव पुद्गल और स्कंथ विभाव पुद्गल कहलाते है।
द्रव्य पर्याय Different forms of matters. द्रव्य के जितने प्रदेश रूप अंश हैं वे सभी द्रव्य पर्याय कहलाते हैं ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोहज भाव–Mohaj Bhav. Disposition caused by delusion. मोह से उत्पन्न होने वाले औदयिक भाव”
द्रव्य छेदना Knowledge of one matter gained by other one (by penetration). एक द्रव्य से दूसरे द्रव्य का ज्ञान होना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आधान क्रिया An auspicious worshipping to be observed before pregnancy. ऋतुमती स्त्री के चतुर्थ स्नान के पश्चात् गर्भाधान के पहले, अर्हन्त देव की पूजा के द्वारा मंत्र पूर्वक जो संस्कार किया जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर तत्त्व – Svapara Tattva. Right element pertaining to the path of salvation.भेदोभेदात्मक अर्थात् निश्चय व्यवहार मोक्षमार्ग। आत्मनिष्ठता स्वतत्व (या निष्चय मोक्षमार्ग) तथा पर्याय प्रधान व्यवहार नय से सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्र व्यवहार मोक्षमार्ग अर्थात् परतत्त्व है।
जयवर्मा The son of the king Shrishen of Simhpurnagar of Gandhila (a country). गंधीला देश में सिंहपुरनर के राजा श्रीषेण का पुत्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]