संस्तर!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संस्तर – Sanstara. Bed, Dry grass bed. शय्या ” दिगम्बर जैन साधुओं का संस्तर तृण, चटाई आदि का होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संस्तर – Sanstara. Bed, Dry grass bed. शय्या ” दिगम्बर जैन साधुओं का संस्तर तृण, चटाई आदि का होता है “
उक्षध्वज Flags of Samavasharana (assembly of Lord Arihant). वृषभाकृतियों से चिन्हित।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सत्संग : == धुनोति दवयुं स्वान्तात्तनोत्यानंदथुं परम्। धिनोति च मनोवृत्तिमहो साधु—समागम:।। —आदिपुराण : ९-१६० साधु पुरुष का समागम मन से संताप को दूर करता है, आनन्द की वृद्धि करता है और चित्तवृत्ति को संतोष देता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसंवेद्य सुख – Svsammvedya Sukha. Spiritual bliss. अतीन्द्रिय या आत्मिक सुख। निर्विकल्प ध्यान मे स्थित परम योेगियो के रागदि के अभाव से उत्पन्न स्वसंवेद्य आत्मिक सुख है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यतिपूजा–Yatipuja. Eulogical devotion for saints. शुभ परिणामों से गुरु की पूजन करना”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णकूला देवी – Svarnakuulaa Devi. Name of the governing deity of Svarnakuulaa Kund (a pond). स्वर्णकूला कुण्ड की स्वामिनी देवी।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुष्यद्विक- Manushyadvika. A dyad related to human being. मनुष्यगति व आनुपूर्वी “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वराज्य क्रिया – Svaaajya Kriyaa. An auspicious activity of enthronement. गृहस्थ की 53 क्रियाओ मे 43 वीं क्रिया। राजाओ के द्वारा राजाधिराज के पद पर अभिषिक्त करना अतः समा्राट् पद पर अभिषिक्त होना स्वराज्य प्राप्त क्रिया कहलाती है।
उपशमचारित्र Subsidence character (conduct related to upasham). समस्त मोहनीय कर्म के उपसम से 11 वें गुणस्थान में औपशमिक चारित्र होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]