गोदोहन आसन!
गोदोहन आसन A posture of sitting (like to milk). कायक्लेश का एक भेद ; गौ को दुहने की भाँति बैठना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गोदोहन आसन A posture of sitting (like to milk). कायक्लेश का एक भेद ; गौ को दुहने की भाँति बैठना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रेयांससागर – Shreyaansasaagara. Name of a great Acharya in the disciple tradition of Acharya Shree Shantisagarji Maharaj. 20वीं सदी के प्रथम आचार्य चारित्रचक्रवर्ती श्री शान्तिसागर जी महाराज की परम्परा में हुए पंचम पट्टाचार्य ” इनकी प्रेरणा से मांगीतुंगी सिद्धक्षेत्र पर 24 तीर्थंकर प्रतिमाओं का नूतन जिनमंदिर निर्मित किया गया है ” ये एक महान…
तोरणद्वार Doors of Samavasharan (an assembly of Lord Arihant). समवशरण की आठ भूमियों के मूल में स्थित द्वार । जैसे – प्रथम धूलिशाल कोट की चारों दिशाओं में चार तोरणद्वार है इत्यादि । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतवीर – Shrutaveera. Name of a Bhattarak of Sen group. सेनसंघ या वृषभ संघ की पट्टावलि के एक भट्टारक “
त्रयोदश द्वीप 13 islands of middle universe. मध्यलोक के 13 द्वीप (प्रारंभिक) जम्बूद्धीप से लगाकर रूचकवर द्धीप, यहीं तक अकृतिम 458 जिनमंदिर है। तेरहद्वीप की रचना पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से जम्बूद्वीप हस्तिनापुर में निर्मित हो रही है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीष – Shreesa. The initiation & omniscience tree of Lord Suparshvanaath. तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ का दीक्षा एवं केवलज्ञान वृक्ष ” अपरनाम शिरीष वृक्ष “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंदी -उत्साहवर्द्धक मंगल पाठ करने वाले चारण अथवा देव। ये तीर्थकर माता को जगाने व प्रस्थान के समय उच्च स्वर से मंगल पाठ करते है। Bandi- serving deities or beings.
तेजांग A type of wish fulfilling tree (Kalpavriksha) pertaining to light. एक प्रकार का कल्पवृक्ष , जो प्रकाश देते है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]