भव सागर!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव सागर – Bhava Sagara. Worldly life. संसार सागर “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाववचन – Bhavavachan. Volitional speech. वचन; जो वीर्यान्तराय और मतिज्ञानावरण तथा श्रुतज्ञानावरण कर्मों के क्षयोपशम और अंगोपांग नामकर्म के निमित्त से होता है ” यह पौद्गलिक होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्त्री व्यसन त्याग:Renunciation of prostitution.परस्त्री सेवन (7 व्यसनों में एक व्यसन) का त्याग।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संविद् – Sanvid. Knowledge obtained by right method, the perceptive knowledge. जिससे यथार्थ रीति से वस्तु का ज्ञान हो उस ज्ञान को संविद् कहते हैं “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमलीक–Yamaliik. Name of an omniscient personality in the assembly of Lord Mahavira. भगवान् महावीर के तीर्थ में हुए एक अन्कृत केवली”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भक्तामर कथा – Bhaktamara Katha. Name of tales written by Pandit Raymallaji and Jaichand Chhabda. पं. रायमल्ल (ई. १६१०) एंव पं. जयचन्द छाबड़ा (ई. १८१३) द्वारा रचित कथा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पर समय उपक्रम:A type of Upakrama- a pursuance in accordance with natual matters.उपक्रम का एक भेद।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] Supreme soul. संसारी जीवो मे से जो उत्कृष्ट आत्मा बन जाती है उसे परात्मा कहते है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] म्रदु भाषण–Mradu Bhashan. Soft and sweet speech. मधुर एवं विनम्र वचन या उपदेश, भाषा समिति; प्रिय, मधुर या हितकारी वचनों का प्रयोग करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मपुरा (तीर्थ) : Name of Digambar Jain Atishay Kshetra (a place of pilgrimage) near jaipur (raj). The miraculous idol of Lord Pamaprabhau is installed here. राजस्थान में जयपुर के नजदीक स्थित एक दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र । जहाॅं भगवान पदमप्रभु की चमत्कारिक प्रतिमा विराजमान है।