लधुषंका!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लधुषंका – मूत्रोत्सर्ग, लघु व दीर्घ षंका जाने के बाद प्रायष्चित के रूप 25 उच्छ्वास का कायोत्सर्ग किया जाता है। Laghusamka-Urination
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लधुषंका – मूत्रोत्सर्ग, लघु व दीर्घ षंका जाने के बाद प्रायष्चित के रूप 25 उच्छ्वास का कायोत्सर्ग किया जाता है। Laghusamka-Urination
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमादयोग- हिंसा का लक्षण; कशाय सहित योगों की प्रवृति। Pramadayoga- Tendency of performing careless (violenceful) activities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्येक बुद्धि ऋद्धि- ऋद्धि; जिसके द्वारा गुरु उपदेष के बिना ही कर्मो के उपषम से सम्यग्ज्ञान और तप के विशय में प्रगति होती है। pratyeka buddhi riddhi – a type of supernatural power related to self enlightened.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] याज्ञिक मत – संसारी जीव की कभी मुक्ति नहीे होती ऐसा मानने वाला मत। Yajnika Mata-A doctrine believing no salvation of worldly beings
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाणक देव- एक प्रकार के व्यन्तरजातीय देव। इनकी उत्कृश्ट आयु 70,000 वर्श है। Pramanaka Deva- A type of peripatetic deities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योग्यता – अपने आवरण अर्थात ज्ञान को ढकने वाले कर्म के क्षयोपक्षम को योग्यता कहते है अर्थात सामथ्र्य ज्ञान की अनुरूपता। Yogyata-talent, capability, Competency, Qualification
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमत्त- हिंसक, प्रमादी, संज्वलन कशाय के तीव्र उदय से होने वाले प्रमाद से सहित। Pramatta- One with having passional vibrations, Lustful
दर्शनविशुद्धि Purity of right faith. 16 कारण भावना में पहली भावना सम्यग्दर्शन को अत्यन्त निर्मल व दृढ़ हो जाना। इसके होने पर ही तीर्थंकर प्रकृति का बंध संभव है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभा- आभा; द्रव्यों का अपना विषेश सलोापरन या तेज, सौधर्म स्वर्ग का एक पटल। Prabha- Lustre, rediance, Splendour, A patal (layer) of Saudharma heaven
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोगराहित्य – रोगरूपी बाधा का अभाव होना। अर्हत भगवान के देवकृत अतिषयों में एक अतिषय। समवषरण में सम्पूर्ण जीवों को रोग आदि की बाधाए नही होना। Rogarahitya-Devoid of disease, an excellence of lord Arihant