सुवीर्य!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुवीर्य – Suveerya. Name of a king of Ikshvaku dynasty. The 46th son of king Dhritrashta. इक्ष्वाकुवंशी एक राजा । अतिवीर्य का पुत्र, उदितपराक्रम का पिता, राजा धृतराष्ट्र तथा रानी गांधारी का 46 वाॅं पुत्र ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुवीर्य – Suveerya. Name of a king of Ikshvaku dynasty. The 46th son of king Dhritrashta. इक्ष्वाकुवंशी एक राजा । अतिवीर्य का पुत्र, उदितपराक्रम का पिता, राजा धृतराष्ट्र तथा रानी गांधारी का 46 वाॅं पुत्र ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवनत्रिक देव – Bhvanatrika Deva. Three type of deities (Vyantar, Jyotishka, Bhavanvasi). व्यंतर, ज्योतिष्क, भवनवासी ३ निकायों के देव को भवनत्रिक कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लतागृह – भवनवासी देवो के भवनो मे बना एक गृह। Latagrha-A part of the palace of residential deities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वराह – Varaah.: Rhinoceros, significant symbol of Lord Shreyansnath , Name of a city in the north of Vijayardh mountain. गैंडा ,भगवान् श्रेयांसनाथ का चिन्ह , विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विलेपन – Vilepana. Smearing, To apply scenty material on body. शरीर पर चंदन व कुंकुम आदि सुगंधित पदार्थ का लेपन करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वप्र – Vapra.: A country of western Videh Kshetra (region), Name of a summit of Chandragiri Vakshar (mountain) & its deity. पश्चिम विदेह का एक देश ,चन्द्रगिरि वक्षार एक कूट व उसका स्वामी देव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भर्तृहरी – Bhartrhari. The elder brother of king Vikramaditya, Name of the younger brother of Acharya Shubhachandra. राजा विक्रमादित्य के बड़े भाई, आचार्य शुभचन्द्र के छोटे भाई, जिन्होंने तापस होकर १२ वर्ष तपश्चरण कर स्वर्ण बनाने की सिद्धि प्राप्त की बाद में शुभचन्द्राचार्य से संबोधित होकर दिगम्बर दीक्षा धारण की “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लताभूमि – समवषरण की 11 भूमियों में तीसरी लतावन भूमि इसमे नाना प्रकार की लताएं सुषोभित होती है। लत भूमि में लता मण्डप बने होते है जिसमे सुर क्रीडा रत रहते है। Latabhumi-One of the 11th lands in the samavsdharan (Assembly of lord) containing greenery & creepers
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषंग – Vishanga. A kind of delusive relation (family attachments). स्त्री आदि सब मेरे हैं, इस प्रकार का सम्बन्ध विषग कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोजीव – Nojeeva. A body (one well versed in scripturess) without soul . अनंतानंत विस्रसोपचयों से उपचय को प्राप्त कर्मपुदगल स्कन्ध (शरीर) प्राणधारक अथवा ज्ञानदर्शन से रहित होने के कारण नोजीव कहलाता है “