हिरण्य!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हिरण्य – Hiranya. Gold. सोना।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृदंगमध्य व्रत–Mradngmadhya Vrat. A particular type of fasting. एक व्रत जिसमे क्रमशः 2,3,4,5,4,3,2 उपवास एवं बीच के खली दिनों में पारणा कीजाती है” इसमें23 उपवास 7 पारणाएँ की जाती है”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हाहा – Haahaa. A type of peripatetic deity. A large unit of time. गंधर्व नामा व्यंतर जाति का एक भेद। काल का एक प्रमाण, 84 लाख हाहांग त्र 1 हाहा।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवीपाल – Prthivipala. Name of the writer of ‘Shrut Panchami Rasa’, Name of a Pandit. पानीपत का निवासी था, वि. १६९२ में श्रुत पंचमी रास की रचना की, एक पंडित; व्रत कथाकोष छंद के कर्ता “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हल – Hala. Plough, a divine weapon possessed by Ram. कृषि के लिए उपयोग मे आने वाला एक यंत्र, देवोपुनीत एक अस्त्र-महालोचन देव न उन्हे यह अस्त्र रामचंद्र जी को दिया था।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवाननुगामी – Bhavananugami. A type of clairvoyance (not remains with one in next birth). अननुगामी अवधिज्ञान का एक भेद; जो भवान्तर के साथ नहीं जाता , क्षेत्रान्तर में ही साथ जाता है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिनंदि – Harinamdi. Name of a Bhattarak of Nandi group. नंदिसंध बलात्कारयण भट्टारक आम्नाय की उज्जयिनी गट्ठी के एक भट्टारक महीचन्द्र के गुरु। समय – वि. 948।
ऋषि पुत्र An author of ‘Rishiputra Sanhita’. निमित्त शास्त्र तथा ऋशिपुत्र संहिता के रचियता एक ज्योतिशाचार्य (ई. सन् 6-7 की संधि)। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावस्तवन – Bhavastavana. Eulogical praising of Lord Jinendra. जिनेन्द्र भगवान के गुणों का स्मरण करना “