भाव सम्यग्द्रष्टि!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव सम्यग्द्रष्टि – Bhava Samyagdrsti. One possessing right knowledge or perception. भेद ज्ञान पूर्वक परद्रव्य, परभाव, परपर्याय से भिन्न आत्मा का अनुभव करने वाला “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव सम्यग्द्रष्टि – Bhava Samyagdrsti. One possessing right knowledge or perception. भेद ज्ञान पूर्वक परद्रव्य, परभाव, परपर्याय से भिन्न आत्मा का अनुभव करने वाला “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सामान्य छल – Saamaanya Chhala. General cheating or deceitful behavior. छल के तीन भेद वाक्छल, सामान्य छल व उपचार छल में एक भेद । सम्भावना मात्र से कही गयी बात को सामान्य नियम बनाकर वक्ता के वचनों के निषेध करने को सामान्य छल कहते है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावनिर्वीचकित्सा – Bhavanirvichikitsa. Volitions free from anguishment or any afflict-tion, volition of non- disgust. क्षुधादि १२ परीषहों में संक्लेश परिणाम न करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सापराध – Saaparaadha. Offender, guilty, one at fault. अपराधी ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति बन्धापसरण – Prakrti Bandhapasarana. Sequential reduction in karmic bindings. प्रकतिबंध का क्रम से घटना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमेष्ठीगुण व्रत:A type of vow ( related to virtues of Parmeshthis).प्ंच परमेष्ठी के कुल 143 गूुणों के विषेष तिथियों में उपवास एवं नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोवंदना- Manovandana. Eulogical contemplation of the virtues of spiritual teachers. वंदना करने योग्य गुरुओं आदि के गुणों का स्मरण करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परंपराहेतु: Traditional worshipping.प्रत्यक्ष हेतु एका एक भेद शिष्य-प्रशिष्य आदि के द्वारा निरन्तर की जाने वाली अनेक प्रकार की पूजा आदि साधन ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधारण कायिक जीव – Saadhaarana Kaayika Jiiva. Vegetation like common aquatic plant (one sensed beings according to Jaina Philosophy). वनस्पति। जो एक शरीर बहुत जीवों का होता है वह साधारण शरीर कहलाता है। ऐसा साधारण शरीर जिन जीवों का होता है वे साधारण जीव कहलाते है। साधारण शरीर में रहने वाले सभी जीवों का…