उत्तरप्रकृति विपरिणमना!
उत्तरप्रकृति विपरिणमना Transition of secondary karmic nature. सत् का अवस्थान्तर की प्राप्ति करना जो प्रकृति देश या सर्व संक्रमण के द्वारा अन्य प्रकृति में संक्रमण को प्राप्त करायी जाये।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्तरप्रकृति विपरिणमना Transition of secondary karmic nature. सत् का अवस्थान्तर की प्राप्ति करना जो प्रकृति देश या सर्व संक्रमण के द्वारा अन्य प्रकृति में संक्रमण को प्राप्त करायी जाये।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हंस – Hammsa. Goose, gander, swan, another name for soul (a symbol for sacred one). Father’s name of Jaina Lord Simandhar Swami of Videh kshetra (region). क्षीर नीर का विवके करने वाला एक पक्षी, मानसरोवर मे रहने वाले हंस को राजहंस कहते है। अनंतज्ञानादि निर्मल गुण सहित हंस के समान उज्जवल परमात्मा हंस है,…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परदेशिकत्व:Competence to inspire others for following the right path.दूसरे को सच्चा मार्ग बताने की क्षमता ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वामित्व – Svaamitva. Ownership, governance. किसी वस्तु पर स्वामी का अधिकारपना।
उत्तरचर हेतु Something causing accomplishment of the past in present. पूर्व में जो हो गया है उसकी वर्तमान में सिद्धि करने वाला हेतु।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वहित – Svahita. One own benefit, benefiting self. हित के दो भेदो मे प्रथम भेद- आत्महित।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांपरायिक बंधक – Saamparaayika Bamdhaka. Those bound with passionful influx. प्रथम गुणस्थान से लेकर 10वें गुणस्थान तक के जीव कषाय सहित होने से साम्परायिक बंधक कहलाते है।
उत्कृष्टपरीतानंत An uncountable number. जघन्ययुक्तानंत की संख्या से एक कम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिष्ठित – माननीय व्यक्तित्व। pratisthita – renowned one, honorable personality.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिष्ठा पाठ- आचार्य इन्द्रनन्दि (ई.श. 10 मध्य), आचार्य वसुनन्दि (ई. 1068-1118) एवं पं. आषाधर (ई. 1173-1243) द्वारा रचित प्रश्ठिा पाठ संबंधी ग्रन्थ। pratistha patha – name of ritual treatise written by acharyas (1) indranandi (2) vasunandi and pandit ashadhar.