त्रींद्रिय!
त्रींद्रिय Living beings having three sense organs. जीव जिनके स्पर्शन , रसना और घ्राण इन तीन इन्द्रियधारी तिर्यंचों में जन्म हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रींद्रिय Living beings having three sense organs. जीव जिनके स्पर्शन , रसना और घ्राण इन तीन इन्द्रियधारी तिर्यंचों में जन्म हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सदाचारी : == वायाए अकहंता सुजणे, चरिदेहि कहियगाा होंति। —भगवती आराधना : ३६६ श्रेष्ठ पुरुष अपने गुणों को वाणी से नहीं, किन्तु सच्चरित्र से ही प्रकट करते हैं।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रामपुराण – एक कन्नड कवि पùनाथ द्वारा रचित गं्रथ। समय ई 1580। Ramapurana-Name of a treatise
एकान्तवाद One sided method, doctrine of absolutism. 363 एकांत मत, जो एक-एक दृश्टि को मानने वाले हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्रिलोकमंडन Name of an elephant. एक हाथी, रावण ने इसको मदमस्त अवस्था में पकडकर त्रिलोकमंडन नाम रखा था। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकार – Prakara. Type, kind, Mode. भेद, भंग, भाग, पर्याय आदि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोबाहु – आदिनाथ भगवान के 84 गणधरो में एक गणधर का नाम, आचार्य यषोभद्र के षिश्य, इनका अपरनाम आचार्य भद्रबाहु द्वितीय था। यं 8 अंगधारी थे तथा लोहाचार्य – 2 के गुरू थे। समय – वी नि 515 – 565 Yasobahu-Name of a chief disciple of lord Adinath, Also the name of the disciple…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशाखा – Vishakha. Name of a lunar. एक नक्षत्र ” तीर्थकर सुपाशर्वनाथ और पाशर्वनाथ का जन्म इसी नक्षत्र में हुआ था “
देहदेवालय Body as a temple; Place of Lord in the inner part of one’s body. निज परमात्मा का इस नश्वर शरीर रूपी देवालय में स्थान।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
एक – अंगधर Acharyas possessing knowledge of one Anga (scriptural knowledge). जिन आचार्यों को द्वादशांग के एक अंग का ज्ञान था, विनयदत्तादि 4 आचार्य।[[श्रेणी:शब्दकोष]]