प्रचुरसंख्यक!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रचुरसंख्यक – Prachura Samkhyaka. Abundant in numbers. अधिक संख्या में “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रचुरसंख्यक – Prachura Samkhyaka. Abundant in numbers. अधिक संख्या में “
उपाध्याय जिन्हें ग्यारह अंग और चौदह पूर्वों का या उस समय के सभी प्रमुख शास्त्रों का ज्ञान है मुनि संघ में साधुओं को पढ़ाते हें, वे उपाध्याय [[परमेष्ठी]] कहलाते हैं। [[श्रेणी:शब्दकोष]] या Preceptor, Scriptural teacher . रत्नत्रय से संयुक्त जिनकथित पदार्थों के शूरवीर उपदेशक और निःकांक्ष भाव सहित ऐसे मुनिराज।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दिवस पृथ्क्त्व A duration of three to nine days. 3 से 9 दिन के बीच के दिवस। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आयुक्तकरण Inclinalion towards destruction of hermaphrodite libido (Neutralizalion). नपुंसक वेद की क्षपणा या उपशामना के लिए उद्यत होकर प्रवृत होना- उद्यतकरण है, आरम्भकरण व आयुक्तकरण एकार्थक है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इष्ट वियोग Separation from the desired one. इष्ट व प्रिय चेतन-अचेतन पदार्थ का बिछुड जाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गंभीर शासन Another name of Jain Shasan. अपर विदेह स्थित एक विभंगा नदी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्त जीव–Mukta jeev. Liberated soul. मोक्ष को प्राप्त जीव”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रामकथा – आचार्य कीर्तिधर द्वारा विरचित जैन रामायण।इसके आधार पर रविशेणाचार्य ने पùपुराण व स्वंयभु कवि ने पउमचरिउ लिखे है। Ramakatha-A religious book (Jaina Ramayan) written by Acharya Kirtidhar