जय जिनेन्द्र!
जय जिनेन्द्र A greeting word pronounced in Jaina community. जैनों में परस्पर विनय और प्रेमभाव प्रकट कर ने के लिए जयजिनेन्द्र शब्द बोला जाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जय जिनेन्द्र A greeting word pronounced in Jaina community. जैनों में परस्पर विनय और प्रेमभाव प्रकट कर ने के लिए जयजिनेन्द्र शब्द बोला जाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याद् नास्ति अवक्तव्य – Syaadasti Naasti Avaktavya. The 6th Bhang of Saptbhangi-exposition of nature of the substance in the aspect of negation & indescribability.सप्तभंगी का छठवां भंग-द्रव्य परचुष्टय की अपेक्षा कथ्ंाचित् नास्तिरुप है और वही द्रव्य स्वचतुष्टय व परचतुष्टय की अपेक्षा युगफद् कथन न किए जाने से कथंचित् अवक्तव्य है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नाथ वंश – Natha Vansa Name of the dynasty of mahavira भगवन महावीर का वंश ”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भागीरथी – Bhagirathi. The name of a great river of Bharat Kshetra (a region). भरतक्षेत्र की गंगा नदी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यात्परम – Syaatparama. Exposition of soul in the aspect of steadiness.परिणामिक भाव अर्थात् स्वभाव मे अचलवृत्ति की अपेक्षा जीव का कथन।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकाशवृत्ति – Prakasavrtti. Tendency towards enlightenment of knowledge. ज्ञान प्राप्ति के लिए जो आत्मा की प्रवृति होती है, उसे प्रकाश वृत्ति कहते हैं “
जघन्य वर्गणा Lowest aggregate of Karmic molecules. जघन्य वर्ग के समूह का नाम जघन्य वर्गणा है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहदेव – Sahadeva. One of the 5 Pandavas. रानी माद्री व पाण्डु का पुत्र, 5वां पांडव । अंत में दीक्षा धारण की, दुर्योधन के भानजे द्वारा शत्रु´जयगिरि पर घोर उपसर्ग होने पर समतापूर्वक देह त्याग कर सर्वार्थसिद्धि स्वर्ग में गये ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य धर्मध्यान – Bahya Dharmadhyana. Religious observances. धर्मध्यान का एक लक्षण; आत्मा को शील , व्रत , उपवास आदि बाह्य क्रियाओं से युक्त करना “