सहस्रनाम स्तोत्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रनाम स्तोत्र – Sahasranaama Stotra. Name of aneulogical spiritual hymn written by Jinsenacharya. श्री जिनसेनाचार्य द्वारा रचित भगवान ऋषभदेव के 1008 नामों का संस्कृत स्तोत्र ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रनाम स्तोत्र – Sahasranaama Stotra. Name of aneulogical spiritual hymn written by Jinsenacharya. श्री जिनसेनाचार्य द्वारा रचित भगवान ऋषभदेव के 1008 नामों का संस्कृत स्तोत्र ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहभूत – Sahabhoota. The properties of a matter (co-existing or associating). सहकारी, सामान्य विशेष गुण द्रव्यों के सहभूत जानने चाहिए ।
सत्य- अच्छे पुरुषों के साथ साधु वचन बोलना सत्य है। धर्म की वृद्धि के लिए धर्म सहित बोलना वह सत्य कहाता है । इस धर्म के व्यवहार की आवश्यकता ज्ञान चारित्र के सिखाने आदि में लगती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतरागचारित्र –Vitaragacharitra. Deep engrossment in meditation by great Jainasainits. रागादि विकल्पों से रहित होकर आत्मा में रमणता या लीनता ” शुक्ल्ध्यान, शुध्दोपयोग, उपेक्षा संयम, निश्चय चारित्र, वीतरागचारित्र ये एकार्थवाची हैं ” ये सम्यग्दृष्टि जीवों के होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रादूषिक क्रिया- राग, द्वेश, इश्र्या आदि से युक्त कार्य। Pradusikakriya- Malicial activity
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेगवती –Vegavati Name of a river of Bharat Kshetra (region) भरतक्षेत्र की एक नदी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणव्यपरोपण- हिंसा; जीवों के प्राणों का घात करना। Pranavyaparopana- Violenceful activities
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर्य प्रवाद –ViryaPravada A part of Shrutgyan (scriptural knowledge) containing the description of the power of soul. दृष्टिवाद – १२वे अंग का तीसरा पूर्व, जिसमे आत्मा – अनात्मा की शक्ति का कथन हैं ” इसके ७० लाख माध्यम पद हैं “
झझावात Heavy rainy storm. जलवृष्टि सहित जो वायु बहती है उसे झांझावात कहते हैं। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहुजन पृच्छा आलोचना- आलोचना का एक दोा; आचार्य महाराज द्वारा दिये गये प्रायश्चित में अश्रद्धान करके वह योग्य है या अयोग्य ऐसा अन्य किसी से पूछना। Bahujana Prccha alocana- Disbelieving on the repentance given by an acharya (a fault)