चारूरूप!
चारूरूप See – Cårupadma. देखें-चारुपद्म।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्निग्धत्व – Snigdhatva. Greasiness, lubricity, smoothness.परमाणु बंध का एक कारण। देखे- स्निग्ध गुण।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पति :Husband, the male life partner. यज्ञ, पूजा, प्रतिष्ठा आदि शुभ कार्यो के साथ स्त्री का विववाह जिसके साथ हुआ हो ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेषनय – Vishesha Naya. A particular standpoint believing that the soul is non-extricated. अव्यापकता रूप कथन करने वाला नय ” जैसे – आत्मद्रव्य एक मोती की भांति अव्यांपक है, सदा से रहने वाले नर – नारकादि जीव का बोधन करना विशेष नय हैं “
चलाचल Movables and immovables (reg. all beings). संसारी जीव के चालित , अचलित , चलिताचलित प्रदेशों में तीसरा भेद ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष भागाभाग विधान – Sparssana Bhagaabhaaga Vidhaana. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == क्षणभंगुरता : == जन्म मरणेन समं, सम्पद्यते यौवनं जरासहितम्। लक्ष्मी: विनाशसहिता, इति सर्व भंगुरं जानीत।। —समणसुत्त : ५०७ जन्म मरण के साथ जुड़ा है और यौवन वृद्धावस्था के साथ। लक्ष्मी चंचला है। इस प्रकार (संसार में) सब कुछ क्षणभंगुर है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेघनाद–Meghnad. Son of the king ‘Meghvahan’ of Gaganvallabh city, Past birth name of the 1st chief disciple of Lord Shantinath, A son of Ravan. गगनवल्लभ नगर के राजा मेघवाहनका पुत्र, शांतिनाथ भगवान् के प्रथम गणधर के छठे पूर्वभव का जीव, रावण का पुत्र (अपरनाम–इन्द्रजीत)”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष क्षेत्र विधान – Sparssa Ksetra Vidhaana. A type of anyyogdwar (disquisition door), contact of matters with atmosphere.देखे- स्पर्श अंतर विधान, जो द्रव्य एक क्षेत्र के साथ स्पर्ष करता है वह सब एक क्षेत्र स्पर्श है।