पदसमास!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदसमास: A part of scriptural knowledge (Shrutgyan). श्रुतज्ञान के 20 भेदो मे छठा भेद, इससे पूर्व समास पर्वत समस्त द्वादषांग श्रुत स्थित है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदसमास: A part of scriptural knowledge (Shrutgyan). श्रुतज्ञान के 20 भेदो मे छठा भेद, इससे पूर्व समास पर्वत समस्त द्वादषांग श्रुत स्थित है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषय विराग – Vishaya Viraga. Renunciation of sensual enjoyments. पाँचों इन्द्रियों के सब शुख की अभिलाषा का त्याग विषय विराग है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पत्ति:A part of army. सेना का एक अंग । इसमें एक रथ, एक हाथी, 5 पैदल और तीन घोडे होते है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौन व्रत–Maun Vrat. A vow to keep silence. कुछ समय–सीमा विशेष के लिए मौन रखना”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हृद – Hrada. A large pond, large lake, water reservoir. तालाब, कुण्ड (6 वर्षधर पर्वतो पर स्थित है, इनमें से गंगा आदि 14 नदियां निकलती है)।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पटाशुक :A silky cloth to be tied on the waist. क्मर में बांधा जाने वाला रेषमी वस्त्र
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमुना–Yamuna. Name of a river of Bharat Kshetra Aryakhand (region). भरतक्षेत्र आर्यखंड में स्थित एक नदी”
आदिकर्म Six fundamental duities of mundane life given by Lord Rishabhdev (Asi, Masi, Krishi, Vidya, Vanijya & Shilp). युग की आदि में कहे गये असि,मसि,कृषि, विद्या, वाणिज्य एंव शिल्परूप छः कर्म।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंप: Name of a Jain Kannad poet. राजा अरिकेसरी के समय में हुए एक जैन कन्नड कवि (ई0 941) जिनकी आदिपुराण्चम्पू आदि कृतिया है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर संघ – ViraSangha. Name of a group of saints after division of Moolsangh (original group). मूलसंघ के विघटन के पश्चात बना जैन साधुओं का एक संघ “