भुजगार बंध!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजगार बंध – Bhujagara Bandha. Binding of Karma increasingly. जहां पहले थोड़ी कर्म प्रक्रति का बंध होता था फिर अधिक – अधिक बंध हो वह भुजगार बंध है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजगार बंध – Bhujagara Bandha. Binding of Karma increasingly. जहां पहले थोड़ी कर्म प्रक्रति का बंध होता था फिर अधिक – अधिक बंध हो वह भुजगार बंध है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिताल – Haritaala. Yellow orpiment, a chemical-arsenic sulphide, name of an island & an ocean of middle universe. पीतवर्ण की एक उपधातु हरताल, मध्यलोक का एक द्वीप व सागर।
देवसमिति A Patal (layer) of 3rd heaven. तीसरे स्वर्ग युगल ‘ब्रह्म-ब्रह्मोत्तर युगल’ का एक पटल।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृषानंद–Mrashanand. Falsity, enjoying with resolution of cheating others. रौद्र ध्यान का भेद; दुसरो के ठगने के लिए झूठ बोलने के संकल्प का बार–बार चिंतवन करना”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरण – Harana. Seizing, carrying off, name of a river of Bharat Kshetra (region). छीनना, भरत क्षेत्र की एक नदी।
देशजिन The Jaina saints possessing high spiritual knowledge. आचार्य, उपाध्याय, साधु देशजिन कहलाते हैं क्योंकि सकलजिनों के समान देशजिन में भी तीन रतन पाये जाते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोगुप्ति – Manogupti. Controlling of passions and bad thoughts. कलुषता , मोह , राग , द्वेष , आदि अशुभ भावों का परिहार ” मन को अपने अधीन रखना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हंससम श्रोता – Hammsasama Srotaa. The right listeners, accepting meaningful thoughts. श्रोता के 14 भेदो मे एक भेद। जो केवल सार वस्तु को ग्रहण करते है, वे हंस के समान श्रोता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर निंदा:Defamation of others; slander, Censuring others.नीच गोत्र के आस्त्रव का कारण, दूसरों की बुराई करना ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वार्थनुमान – Svaarthaanumaana. Subjective inference (caused by perception of some means). अनुमान के दो भेदो मे एक भेद। परोपदेष के अभाव मे भी केवल साधन से साध्य को जानकर जो ज्ञान देखने वाले को उत्पन्न हो जाता है उसे स्वार्थनुमान कहते है। जैसे धुएॅ को देखकर अग्नि का अनुमान लगा लेना।