एलाचार्य भट्टारक!
एलाचार्य भट्टारक A writer of ‘Jvalamalinikalpa’. ज्वालामालिनीकल्प के रचियता।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एलाचार्य भट्टारक A writer of ‘Jvalamalinikalpa’. ज्वालामालिनीकल्प के रचियता।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नाथधर्म कथा – Nathadharma Katha The 6th part of Dvadshang (scriptural knowledge)- a supreme tale containing conversation related to Lord etc. ज्ञातधर्म कथा; द्वादशांग का छठा अंग जिसमे गणधर देवकृत प्रश्नों के उत्तर व तीर्थंकर; गणधर आदि संबंधी धर्म कथा का वर्णन होता है ” इसके 5 लाख 56 हजार मध्यम पद है ”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावना पच्चीसी व्रत – Bhavana Pachchisi Vrata. A specific type of vow (fasting), to be observed for 25 days. एक व्रत जिसमें विधिपूर्वक २५ उपवास किये जाते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावग्रह – Bhavagraha. Name of a planet. ८८ ग्रहों में ८३ वां ग्रह “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव दर्शन – Svabhaava Darssana. Self revealing perception. जो इन्द्रिय रहित और असहाय केवलज्ञान है वह स्वभाव दर्षन है।
आचारसार A book written by ‘Acharya’ Veernandi . आचार्य वीरनंदि (वि.सं. 556)कृत मुनि आचरण ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृष्टार्थ – Prakrstartha. Supreme sense, Ultimate meaning. उत्कृष्ट अर्थ “
जम्बूद्वीप- तीनों लोकों में मध्यलोक के अंदर असंख्यात द्वीप- समुद्रों में प्रथम द्वीप का नाम है – जम्बूद्वीप प्राचीन शास्त्रों में कही गई यह रचना हस्तिनापुर में पू० ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से सन् १९८५ में निर्मित हुई है । उसके दर्शन करने दुनिया भर से लोग हस्तिनापुर आते हैं । अथवा मध्यलोक का प्रथम…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्रत्यय उत्पाद – Svapratyaya Utpaada. Self origination caused due to increase & decrease in the property of non-gravity-levity.आत्मा मे अगुरुलधु गुणो की वृद्वि और हानि के निमित से होने वाला उत्पाद स्वप्रत्यय उत्पाद है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुद्धिसागर – Buddhisagara. A title given to the 12th jewel of Chakravarti (em-peror). चक्रवर्ती के १२ वें रत्त्न (पुरोहित) को दी गई संज्ञा “