विभ्रम!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभ्रम – Vibhrama. Confusion, Agitation. व्स्तुस्वरूप का अज्ञानपना ही विभ्रम है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभ्रम – Vibhrama. Confusion, Agitation. व्स्तुस्वरूप का अज्ञानपना ही विभ्रम है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] हरिकेतु – Hariketu Father’s name of Chakravarti (emperor) Harishen. 10 वे चक्रवर्ती हरिषेण के पिता, काम्पिल्य नगर का राजा।
त्रिकाली पर्याय Practice of equanimity three times a day. तीन कालों में क्रम से होने वाली अनंत पर्यायें ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विलास – Vilasa. Flirthing, Merriment, enjoyment. आनंद, मनोरंजन “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हतहत समुत्पत्तिक – Hatahata Samutpattika. The karmic places originated after the redestruction of relative destructed karmas. धाते हुए का पुनः धात किये जाने पर जिन सत्कर्म अर्थात् सत्ता मे विधमान कर्म की उत्पत्ति होती है उन्हे हतहत समुत्पत्तिक कहते है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परपीड़ा कथा:Talk,painful to others.पर को पीडा पहुॅचाने वाली कथा ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नादग्रह – Nadagraha A part of the palace of deities भवनवासी देवों के भवनों में एक कक्ष ”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शिथिलाचारी : == सन्त्येकेभ्यो भिक्षुभ्य:, अगारस्था: संयमोत्तरा:। अगारस्थेभ्य सर्वेभ्य:, साधव: संयमोत्तरा:।। —समणसुत्त : २९८ यद्यपि शुद्धचारी साधुजन सभी गृहस्थों से संयम में श्रेष्ठ होते हैं तथापि कुछ (शिथिलाचारी) भिक्षुओं की अपेक्षा गृहस्थ संयम में श्रेष्ठ होते हैं।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वेदज – Svedaja. Beings born by sweat. पसीने से उत्पन्न होने वाले सम्मूर्छन जीव।