प्रभु!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभु- धाति कर्मो के क्षय से जिसने केवज्ञान के द्वारा परमार्थ को जान लिया है, सकल तŸवों का जिसने उपदेष दिया है वह प्रभ्ज्ञु होता है अर्थात अरिहंत भगवान। Prabhu- Almighty God
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभु- धाति कर्मो के क्षय से जिसने केवज्ञान के द्वारा परमार्थ को जान लिया है, सकल तŸवों का जिसने उपदेष दिया है वह प्रभ्ज्ञु होता है अर्थात अरिहंत भगवान। Prabhu- Almighty God
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभ- सौधर्म स्वर्ग का 21 वाँ पटल व इन्द्रक का नाम। Prabha- Name of the 21stpatal (layer) &Indrak of Saudharma heaven
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रायश्चित विधान- आचार्य इन्द्रनंदि कृत ग्रंथ। PrayascittaVidhan- Name a book written by acharyaIndranandi
ऊर्ध्वगौरव धर्म Particular nature of salvated souls. मुक्त जीव का धर्म वे ऊपर ही जाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोवेग – Manovega. Name of a weapon of Bharat Chakravarti (an emperor) , A king of Rakshas dynasty, Mental impulses. भरत चक्रवर्ती का अस्त्र , राक्षस वंश के संस्थापक राजा राक्षस का पिता , मन के उद्वेग “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणघात- हिंसा; प्रामद से युक्त होकर जीवों का घात करना। Pranaghata- Killing of beings
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहिर्चित्प्रकाश- बाह्य पदार्थो की ओर जिसकी दृटि हो। Bahircitprakasa- External knowledge
आवश्यकापरिहाणि Inevitable performance of observing particular 6 kinds of duties by a saint. सोलह कारण भावना में एक भावना छह आवश्यक क्रियाओं को यथा काल निर्दोषरूप् से करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]