निहत शत्रु!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निहत शत्रु – Nihata Shatru. Conqueror of enemies, Name of a king of Hari dynasty. शत्रु को पराजित करने वाला, हरिवंश का एक राजा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निहत शत्रु – Nihata Shatru. Conqueror of enemies, Name of a king of Hari dynasty. शत्रु को पराजित करने वाला, हरिवंश का एक राजा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संसारी – Sansaaree. Wordly beings. आठों कर्मों से लिप्त जीव अर्थात् जिन्होंने स्वभाव को प्राप्त नही किया है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचनयोग –Vachanayoga.: Vibration in soul-points because of speech. योग के तीन भेदों में एक भेद ;वचन के निमित्त से आत्मप्रदेशों में होने वाला परिस्पंदन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निसर्गाधिकरण – Nisargaadhikarana. To be involved in wrongful activities. अजीवाधिकरण का एक भेद; मन, वचन, और शरीर के द्वारा दुष्ट प्रव्रत्ति करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदृश – Sadrsha. Similar, The same, One of the 88 planets. समान, एक जाति के, 88 ग्रहों में 32 वां ग्रह “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन (असूनृत) – Vachan (Asuunrta).: Coarse or vulgar language. असत्य वचन के 4 भेदों में अंतिम भेद; निंद्य, अप्रिय, पापयुक्त वचन बोलना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्ठापक – Nishthaapaka. Accomplisher, one who fulfills religious duties. धार्मिक कार्य आदि को संपन्न करने वाला “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाभांतराय – जिस कर्म के उदय से जीव किसी वस्तु को प्राप्त करने की इच्छा करता हुआ भी प्राप्त नही कर पाता। Labhamtaraya-Obstruction in getting desirable attainment
उद्देश A subdivision of chapter, Enunciation. निर्देश: विवेचनीय वस्तु के केवल नामोल्लेख करने को उद्देश कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]