एलाचार्य भट्टारक!
एलाचार्य भट्टारक A writer of ‘Jvalamalinikalpa’. ज्वालामालिनीकल्प के रचियता।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एलाचार्य भट्टारक A writer of ‘Jvalamalinikalpa’. ज्वालामालिनीकल्प के रचियता।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावग्रह – Bhavagraha. Name of a planet. ८८ ग्रहों में ८३ वां ग्रह “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव दर्शन – Svabhaava Darssana. Self revealing perception. जो इन्द्रिय रहित और असहाय केवलज्ञान है वह स्वभाव दर्षन है।
जम्बूद्वीप- तीनों लोकों में मध्यलोक के अंदर असंख्यात द्वीप- समुद्रों में प्रथम द्वीप का नाम है – जम्बूद्वीप प्राचीन शास्त्रों में कही गई यह रचना हस्तिनापुर में पू० ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से सन् १९८५ में निर्मित हुई है । उसके दर्शन करने दुनिया भर से लोग हस्तिनापुर आते हैं । अथवा मध्यलोक का प्रथम…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्रत्यय उत्पाद – Svapratyaya Utpaada. Self origination caused due to increase & decrease in the property of non-gravity-levity.आत्मा मे अगुरुलधु गुणो की वृद्वि और हानि के निमित से होने वाला उत्पाद स्वप्रत्यय उत्पाद है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपक्षसाधक हेतु – Svapaksa Saadhaka Hetu. A motive for one’s own fulfillment.हेतु स्वपक्ष का साधक और पर पक्ष का दूषक होना चहिये अर्थात् अपने अभीष्ट अर्थ की सिद्वि करने वाला हेतू।
दमितारि A Pratinarayan who was the son of king Kirtidhar Kevali. एक प्रतिनारायण, यह राजा कीर्तिधर केवली का पुत्र था। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुख–Mukha. The fore–part, entrance, front, mouth, face. अग्रभाग, प्रवेश द्वार, प्रधान–मुख्य, धवला के अनुसार जीव प्रदेशो के विशिष्ट संस्थानों को मुख कहते है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वतः सिद्व – Svatah Siddha. Self proved or evident.जो स्वभाव से ही सिद्व हो उसे स्वतः सिद्व कहते है अथवा सत् द्रव्य का स्वभाव जो स्वभाव से ही सिद्व है, इसलिये वह अनादि अनंत है।
फेनमालिनी A Vibhanga river situated in western Videh (region). अपर विदेह स्थित एक विभंगा नदी। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]