परम औदारिक शरीर!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परम औदारिक शरीर: Supremely pure gross body.केवली का शरीर जो निगोदिया जीवों से रहित होता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परम औदारिक शरीर: Supremely pure gross body.केवली का शरीर जो निगोदिया जीवों से रहित होता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हिंसानंद – Himmsaanammda. To enjoy in violent or killing activities. हिंसा मे आनंद मानना।
गुणक A multiplier, A factor. जिस राशि द्वारा किसी अन्य राशि का गुण किया जाये ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हस्त प्रहेलित – Hasta Prahelita. A unit of time. काल का प्रमाण विशेष- 48 लाख शीर्षप्रकंपित प्रमित काल।
गति प्रायोग्य Experimental motion. गति का एक भेद, बाण चक्र आदि की गति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिवर्मा – Harivarmaa. Past-birth name of Lord Munisuvratnath. मुनिसुव्रतनाथ भगवान के पूर्व के दूसरे भव का जीव, भरत क्षेत्र के अंगदेषस्थ चम्पापुर का राजा। दर्षन विषुद्वि आदि भावनाओ का चिंतवन कर तीर्थकर प्रकृति का बंध किंया।
दानकथा A book written by poet Bharamal ji. कवि भारामल (ई.1756) द्वारा रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गणधरवलय व्रत A type of vows to be observed for particular 48 days in the reverence of particular 48 Mantras. णमो जीनाणं आदि गडधर वलय के ४८ मंत्र हैं इनके ४८ व्रत किए झाते हैं यही गणधरवलय व्रत कहलाते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिचन्द्र कवि – Haricandra kavi. Nama of a great Jaina poet, the writer of ‘Jivandhar Champu’ etc. name of another Apabhransh poet the writer of ‘Anatthamiyakaha’. आर्द्रदेव श्रेष्ठी के पुत्र, आचारश्षास्त्र के वेत्ता जैन कवि, कृति धर्मशर्माभ्युदय, जीवंधर चम्पू (समय ई.श. 10 का मध्य)। अणत्थमियकहा के रचयिता एक अपभं्रष कवि (समय वि.श. 15 का…