पंचाग्नि!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचाग्नि – Panchaagni. See – Panch Agni देखें – पंच अग्नि
गणबद्ध A type of peripatetic deities. चक्रवर्ती की निधि और रत्नों की रक्षा करने वाले १६००० गणबद्ध जाति के व्यन्तरदेव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मासैकवासिता – Masaikavasita. Monthly seasonal staying & moving of Jaina saints. स्थिति कल्प का ९ वां भेद; छहों ऋतुओं में से एकेक ऋतु में एक मांस तक एक स्थान में मुनि निवास करते हैं, और एक मास विहार करते हैं ” उसे मासैकवासिता कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचसमिति – Panchasamiti. Five kinds of saint conduct related to carefulness. ईर्या, भाषा, एषणा, आदाननिक्षेपण और प्रतिष्ठापन यें पांच समिति संयम शुद्धि में कारण कही गयीं हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वागर्थसंग्रह – Vaagarthasangraha.: Name of a treatise composed by the poet Parmeshthi containing the life sketch of 63 great personalities. कवि परमेष्ठी कृत एक संस्कृत ग्रन्थ ” इसमें 63 शलाका पुरुषों का वर्णन है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचविंशति – Panchvinshti. A number – twenty five (special types of restraints of Upadhyaya). 25; उपाध्याय के विशेष गुण अर्थात् 11 अंग व 14 पूर्व का ज्ञान “
आवर्जित करण Self presence of an omniscient in the previous arrangement for the omniscient-overflow i.e. Kevali Samudghat (emanation). केवली समुदघात के अभिमुख होने को आवर्जित करण कहते हैं। इसमें केवली समुदघात के लिए आवश्यक तैयारी की जाती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == श्रमण धर्म : == आहारमिच्छेद् मितमेषणीयं, सखायमिच्छेद् निपुणार्थबुद्धिम्। निकेतमिच्छेद् विवेकयोग्यं, समाधिकाम: श्रमणस्तपस्वी।। —समणसुत्त : २९१ समाधि का अभिलाषी तपस्वी श्रमण परिमित तथा एषणीय आहार की ही इच्छा करे, तत्त्वार्थ में निपुण (प्राज्ञ) साथी को ही चाहे और विवेकयुक्त अर्थात् विविक्त (एकान्त) स्थान में ही निवास करे। दानं पूजा…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचभावना – Panchabhavanaa. Five kinds of auspicious sentimemtsls related to austerity, knowledge etc. तपोभावना, श्रुतभावना, सत्त्व भावना, एकत्व भावना और धृतिबल भावना “
उक्षध्वज Flags of Samavasharana (assembly of Lord Arihant). वृषभाकृतियों से चिन्हित।[[श्रेणी:शब्दकोष]]